'भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत जरूरी, नहीं तो जंग का खतरा बना रहेगा', महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तक दोनों देशों के बीच सार्थक बातचीत और सुलह नहीं होगी, तब तक आतंकी घटनाएं और तनाव की स्थिति बनी रहेगी.

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Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तक दोनों देशों के बीच सार्थक बातचीत और सुलह नहीं होगी, तब तक आतंकी घटनाएं और तनाव की स्थिति बनी रहेगी. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने शांति और विकास के लिए रचनात्मक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया.

बातचीत ही एकमात्र रास्ता

महबूबा मुफ्ती ने कहा, “पहले भी एनकाउंटर होते थे, आज भी हो रहे हैं और भविष्य में भी हो सकते हैं. लेकिन इतिहास बताता है कि युद्ध और हिंसा के बाद भी आखिरकार सीजफायर की जरूरत पड़ती है. जब तक भारत और पाकिस्तान आपस में सुलह और संवाद की राह नहीं अपनाएंगे, तब तक यह हिंसा का दौर चलता रहेगा और हम युद्ध की कगार पर खड़े रहेंगे.” उन्होंने स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों के बीच खुली बातचीत ही एकमात्र समाधान है.

खेल प्रतियोगिताएं बढ़ा सकती हैं सद्भावना

पीडीपी प्रमुख ने भारत-पाकिस्तान के बीच खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि यदि दोनों देश युद्ध पर होने वाले खर्च को कम करना चाहते हैं और शांति को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो खेल एक बेहतरीन माध्यम हो सकता है. महबूबा ने जोर दिया कि खेलों के जरिए लोगों के बीच दोस्ती और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.

गरीबी पर काबू के लिए जरूरी कदम

महबूबा मुफ्ती ने बेरोजगारी और गरीबी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करना जरूरी है. “हमें स्थिति को सामान्य करने के लिए ठोस और रचनात्मक कदम उठाने होंगे. तभी हम बेरोजगारी और गरीबी पर काबू पा सकते हैं,” उन्होंने कहा.

बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर तीखा हमला

शुक्रवार को पीडीपी की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर महबूबा ने बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी पर जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास लाने में विफल रहने का आरोप लगाया. “बीजेपी को 30 सीटें मिलीं, लेकिन जम्मू के लिए उन्होंने क्या किया? बेरोजगारी चरम पर है, संसाधन बाहरी लोगों को सौंपे जा रहे हैं और महंगाई ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है,” उन्होंने तंज कसते हुए कहा. उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र के मुद्दों का समाधान दिल्ली से नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की एकता से संभव है.

मुफ्ती मोहम्मद सईद की विरासत का जिक्र

महबूबा ने अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की विरासत को याद करते हुए कहा कि उनकी नीतियां और दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक हैं. उन्होंने जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को एकजुट होकर अपने हितों की रक्षा करनी होगी.