मणिपुर बन गया ''कथाओं का युद्ध'', सेना प्रमुख बोले- समुदायों के बीच हुआ ध्रुवीकरण

सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष अब ड्रोन द्वारा बम गिराने व म्यामार में प्रशिक्षित 900 आतंकवादियों द्वारा लक्षित हमलों के लिए राज्य में घुसपैठ करने जैसे कथित झूठें दावों से प्रेरित ''कथाओं का युद्ध'' बन गया है.  

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Courtesy: Social Media

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी एक कार्यक्रम में शिरकत करने दिल्ली पहुंचे. जहां सेना प्रमुख ने मणिपुर को लेकर चर्चा की. इसमें सेना प्रमुख बोले की जातीय संघर्ष को लेकर मणिपुर चर्चाओं में बना हुआ. सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष अब ड्रोन द्वारा बम गिराने व म्यामार में प्रशिक्षित 900 आतंकवादियों द्वारा लक्षित हमलों के लिए राज्य में घुसपैठ करने जैसे कथित झूठें दावों से प्रेरित ''कथाओं का युद्ध'' बन गया है.  

अफवाह फैलाने के बाद हुई हिंसा 

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा- कि यह सब मई 2023 में एक अफवाह के साथ शुरू हुआ. जिसमें आरोप लगाते हुए कहा गया था कि- एंग्लो-कुकी युद्ध शताब्दी द्वार को जलाया जा रहा था। लेकिन यह सच नहीं था. मैं जमीन पर रहते हुए इसकी पुष्टी कर चुका हूं. लेकिन अफवाह फैलाने के बाद हुई हिंसा हुई, "उन्होंने भारतीय सेना और सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2024 के दूसरे संस्करण में कहा. 

बड़े पैमाने पर हो रहा है विस्थापन

सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि- 16 महीने बाद भी, "कहानियां" गढ़ी जा रही हैं और राज्य सरकार के एक वर्ग द्वारा उन्हें विश्वसनीयता दी जा रही है. "इसलिए, अगर हम झूठी कहानियों पर रोक लगा सकते हैं. मुझे लगता है सब कुछ सामान्य हो जाएगा. मणिपुर में कुकी उग्रवाद को लेकर म्यांमार की सहायता का जिक्र करते हुए कहा- जनरल ने कहा कि पड़ोसी देश के पास खुद की समस्याएं हैं, जिससे बड़े पैमाने पर नागरिक विस्थापन हो रहा है. लेकिन वह विस्थापित होकर कहां जाएंगे? वे केवल उन जगहों पर जाएंगे जो शांतिपूर्ण उन्हें स्वीकार करने को तैयार हो जाए. यही मिजोरम और मणिपुर में भी हो रहा है. जो लोग आ रहे हैं, वे निहत्थे आ रहे हैं, वे आश्रय के लिए आ रहे हैं और हम भारतीय लोग इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि हम उन्हें आश्रय, भोजन और सहायता प्रदान करें. 

900 कुकी आतंकवादियों को म्यांमार ने किया प्रशिक्षित

पिछले महीने, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह का ने कहा कि सरकार को म्यांमार में प्रशिक्षित "900 कुकी आतंकवादियों" के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी जो इंफाल घाटी के गांवों पर हमला करने के लिए राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कुछ दिनों बाद बयान वापस ले लिया, यह कहते हुए कि इनपुट की पुष्टि नहीं की जा सकी। एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सितंबर में घाटी में घरों और आईआरबी बंकरों को निशाना बनाकर ड्रोन बम विस्फोटों की एक श्रृंखला की भी रिपोर्ट की थी। सेना प्रमुख ने कहा, "हमने जमीन पर जाकर जांच की। कोई ड्रोन बम विस्फोट नहीं हुआ।" 

समुदायों के बीच ध्रुवीकरण हुआ 

जनरल द्विवेदी ने कहा कि संघर्ष के चरम पर मणिपुर का "समाज" हथियारबंद था, इसमें कई जगहों पर हथियारों की बड़े पैमाने पर लूटपाट हुई. 25% लूटे गए हथियार जब्त किए गए और नागरिकों के हाथों में दोगुनी संख्या में देशी हथियार आए. इससे "समुदायों के बीच ध्रुवीकरण हुआ है. आज की स्थिति तनावपूर्ण है। हम स्थिति को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं. हम विश्वास बहाल करने का भी प्रयास कर रहे हैं. जब इस तरह का सामाजिक विखंडन होता है, तो उसे ठीक होने में समय लगता है. पूरे देश के दृष्टिकोण" की आवश्यकता है, जहां पिछले साल मई से हिंसा में 230 से अधिक लोग मारे गए हैं।
 

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