Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा में केंद्र सरकार की ओर से 18 जून 2025 को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने की घोषणा पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का फैसला किया है, जिसका वह कड़ा विरोध करती हैं.
ममता ने कहा कि संविधान हमारे अधिकारों का आधार और लोकतंत्र की जननी है. इसे 'संविधान हत्या' कहना गलत है. उन्होंने इस शब्दावली को अपमानजनक बताया और केंद्र की मंशा पर सवाल उठाया.
लोकतंत्र पर सवाल
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा, "क्या आज भारत में लोकतंत्र बचा है? हर दिन गणतंत्र की हत्या हो रही है." उन्होंने कहा कि केंद्र रोजाना लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है. राज्यों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है, और उनकी स्वायत्तता को कुचल रहा है. ममता ने यह भी कहा कि 'इमरजेंसी हत्या दिवस' जैसे वैकल्पिक नाम का उपयोग किया जा सकता था, लेकिन 'संविधान हत्या' जैसे शब्द का चयन संविधान का अपमान है.
केंद्र के फैसले की निंदा
ममता ने केंद्र के इस कदम की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे संविधान के मूल्यों के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि संविधान हर नागरिक की स्वतंत्रता और अधिकारों की गारंटी देता है, और इसे बदनाम करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने जनता से एकजुट होकर इस तरह के कदमों का विरोध करने की अपील की.
ममता बनर्जी का यह बयान राजनीतिक गलियारों में नई बहस का विषय बन गया है. यह बयान केंद्र और तृणमूल कांग्रेस के बीच बढ़ते टकराव को और गहरा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा 2025 में विपक्षी दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.