गोवा के अरपोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में पिछले शनिवार लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद क्लब के मालिकों लूथरा भाइयों, गौरव (44) और सौरभ (40) पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ. गोवा पुलिस का आरोप है कि दोनों ने बिना फायर सेफ्टी के जोखिम भरा फायर शो आयोजित किया, जिससे यह हादसा हुआ.
आग लगने के कुछ ही घंटों बाद दोनों भाई थाईलैंड रवाना हो गए. अब वे वहां हिरासत में हैं और जल्द ही भारत डिपोर्ट किए जाने की संभावना है. इसी बीच उन्होंने दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल की अर्जी दायर की, जिसमें गोवा में लिंच किए जाने का डर जताया.
एडिशनल सेशंस जज वंदना ने 11 दिसंबर को बेल अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि आरोप बेहद गंभीर हैं. लिंचिंग की दलील को उन्होंने अतिशयोक्ति और आधारहीन बताया. कोर्ट ने कहा कि कानूनी कार्रवाई को जान का खतरा नहीं माना जा सकता. मेडिकल ग्राउंड (सीजर डिसऑर्डर, हाइपरटेंशन) के दस्तावेज पुराने और गैर-गंभीर पाए गए. कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी फुकेट जाने के टिकट आग लगने के बाद प्लान किए होने के संकेत देते हैं, जबकि उनकी ओर से यह तथ्य छिपाया गया.
बेल अर्जी के साथ लगाए गए दस्तावेजों में सामने आया कि क्लब का लाइसेंस एग्रीमेंट, ट्रेड लाइसेंस लीज डीड सभी पहले से एक्सपायर थे. यह भी कोर्ट के फैसले में आरोपियों के खिलाफ गया. लूथरा परिवार के वकीलों ने दलील दी कि गोवा में उनकी दूसरी प्रॉपर्टीज पर बुलडोज़र चलाए गए. जिससे यह आशंका है कि वहां उनके साथ गलत बर्ताव हो सकता है. लेकिन कोर्ट ने इसे कोई ठोस आधार नहीं माना.
गोवा राज्य के वकील ने कोर्ट में कहा कि वे भाग गए, छिप गए, और अब नरमी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जो कानून से बचने की कोशिश करे, अदालत उसकी मदद नहीं करती. गोवा में आग के बाद प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. वागाटोर के एक और नाइटक्लब को गैर-कानूनी निर्माण के चलते सील कर दिया गया है. साथ ही, पर्यटन स्थलों पर पटाखे, फ्लेम थ्रोअर और पायरोटेक्निक इफेक्ट्स पर बैन लगाया गया है.