लालू यादव का सख्त फैसला, तेज प्रताप 6 साल के लिए राजद से निष्कासित

पार्टी के इस फैसले के एक दिन पहले तेज प्रताप ने एक महिला के साथ फोटो शेयर की थी. उन्होंने दावा किया कि वह उनकी 12 साल की गर्लफ्रेंड है. बाद में उन्होंने पोस्ट हटाई और कहा कि उनका अकाउंट हैक हुआ था.

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Courtesy: Social Media

Tej Pratap Yadav: RJD के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया. पार्टी प्रमुख द्वारा यह फैसला अगले 6 सालों के लिए लिया गया है. इस बात की जानकारी खुद लालू यादव ने  रविवार को एक सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर के दी है. उन्होंने इस फैसले के पीछे अनुशासनात्मक कारणों का हवाला दिया. यह कदम तेज प्रताप के एक विवादास्पद पोस्ट के बाद आया.

पार्टी के इस फैसले के एक दिन पहले तेज प्रताप ने एक महिला के साथ फोटो शेयर की थी. उन्होंने दावा किया कि वह उनकी 12 साल की गर्लफ्रेंड है. बाद में उन्होंने पोस्ट हटाई और कहा कि उनका अकाउंट हैक हुआ था. हालांकि इस घटना के अगले दिन ही उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. 

लालू का सख्त बयान

लालू यादव ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि नैतिक मूल्यों की अनदेखी सामाजिक न्याय के लिए हमारे संघर्ष को कमजोर करती है. उन्होंने तेज प्रताप के व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना बताया. लालू ने कहा कि तेज प्रताप का आचरण परिवार और पार्टी के मूल्यों के खिलाफ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निकाला जा रहा है. उनकी अब कोई भूमिका नहीं होगी.

लालू ने तेज प्रताप को अपने निजी जीवन के फैसले स्वतंत्र रूप से लेने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि वह सही-गलत का फैसला खुद कर सकते हैं. साथ ही, लालू ने यह भी कहा कि जो लोग तेज प्रताप के साथ जुड़ना चाहते हैं, वे अपने विवेक से फैसला लें. यह बयान तेज प्रताप के लिए कड़ा संदेश है. 

नैतिकता और जवाबदेही पर जोर

लालू यादव ने सार्वजनिक जवाबदेही और नैतिकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वह हमेशा सार्वजनिक जीवन में शालीनता के पक्षधर रहे हैं. उनके परिवार के अनुशासित सदस्य इस सिद्धांत का पालन करते हैं. लालू ने कहा कि हमारे परिवार ने हमेशा नैतिकता को कायम रखा. तेज प्रताप का व्यवहार इस विश्वास के खिलाफ था. इस फैसले ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया. तेज प्रताप पहले भी अपने बयानों और हरकतों से विवादों में रहे हैं. इस निष्कासन से राजद की छवि पर असर पड़ सकता है. पार्टी समर्थकों में इसकी चर्चा जोरों पर है. यह फैसला लालू के अनुशासन के प्रति सख्त रवैये को दर्शाता है.