Cloud Burst In Chasoti: किश्तवाड़ के चसोती में बादल फटने की घटना! 10 की मौत, बचाव कार्य जारी

इस समय उत्तर भारत समेत पूरे भारत में मानसून का प्रकोप जारी है. ताजा घटना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पाडर इलाके से सामने आई है, जहां चसोती गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची.

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Cloud Burst In Chasoti: इस समय उत्तर भारत समेत पूरे भारत में मानसून का प्रकोप जारी है. ताजा घटना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पाडर इलाके से सामने आई है, जहां चसोती गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची.

इस हादसे में कम से कम 10 लोगों की मौत की खबर है, जबकि बचाव और राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं. इस प्राकृतिक आपदा ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है, क्योंकि नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है.

मचैल माता यात्रा पर असर

मचैल माता यात्रा मार्ग पर पड़ने वाला चसोटी गाँव इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यह गाँव मचैल माता मंदिर जाने वाले मार्ग पर वाहनों के चलने योग्य अंतिम पड़ाव है. यहाँ से तीर्थयात्री पैदल ही मंदिर की ओर बढ़ते हैं. दुर्घटना के समय इस क्षेत्र में भारी भीड़ थी, क्योंकि यह मचैल माता यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है.

यहाँ पार्किंग स्थल और लंगर की व्यवस्था है, जहाँ श्रद्धालु ठहरते हैं. बादल फटने के कारण पार्किंग स्थल पूरी तरह से जलमग्न हो गया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. इस घटना के बाद मचैल माता की वार्षिक तीर्थयात्रा तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई है.

प्रशासन का एक्शन

हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया. किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा के नेतृत्व में बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे. स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा की. उन्होंने कहा, “हम स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा और उपायुक्त से लगातार संपर्क में हैं. प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है.”

उपराज्यपाल ने जताया शोक

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “किश्तवाड़ के चसोती में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.

प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए गए हैं.” उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध कराई जाए.

क्षेत्र में बढ़ा खतरा

यह कोई पहली घटना नहीं है. चार दिन पहले भी पाडर के सजार इलाके में बादल फटने से नालों में तेज बहाव आया था, जिसके कारण चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ गया था. इस बार चसोती में बादल फटने से आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. प्रशासन ने लोगों से नदियों और जलधाराओं से दूरी बनाए रखने की अपील की है. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में भी भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं, जिसके चलते प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.

एक पवित्र तीर्थ

मचैल माता यात्रा, जिसे श्री चंडी माता मंदिर यात्रा के नाम से भी जाना जाता है, किश्तवाड़ जिले का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है. हर साल अगस्त में हजारों श्रद्धालु माता चंडी के दर्शन के लिए 30 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करते हैं.

यह यात्रा जम्मू से शुरू होकर किश्तवाड़ और गुलाबगढ़ होते हुए मचैल माता मंदिर तक जाती है. चसोती गांव इस यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां से आगे का रास्ता पैदल तय करना पड़ता है. इस आपदा ने न केवल स्थानीय लोगों को प्रभावित किया, बल्कि इस पवित्र यात्रा को भी झटका दिया है.

राहत और बचाव में चुनौतियां

पहाड़ी इलाकों में सड़कों और संचार के साधनों की कमी के कारण बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं. फिर भी, प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें दिन-रात काम कर रही हैं. प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं, भोजन, और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की जा रही है. स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, और नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं.