Bihar Assembly Elections: केजरीवाल का बिहार में बड़ा दांव! किसका खेल बिगड़ेगा?

गुजरात के विसावदर उपचुनाव में मिली जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल ने बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है. आम आदमी पार्टी (आप) का यह फैसला बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है.

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Bihar Assembly Elections: गुजरात के विसावदर उपचुनाव में मिली जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल ने बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है. आम आदमी पार्टी (आप) का यह फैसला बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है. लेकिन सवाल यह है कि बिहार में न तो आप के पास मजबूत नेतृत्व है और न ही कार्यकर्ताओं का जमीनी आधार, तो क्या केजरीवाल का यह कदम महज खेल बिगाड़ने की रणनीति है या कुछ और?

कांग्रेस को नुकसान

आप ने दिल्ली में शीला दीक्षित की सत्ता छीनकर और पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को हाशिए पर धकेलकर कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भी आप ने पांच सीटें जीतीं, जिनमें से दो सीटें कांग्रेस से छीनीं. 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में केजरीवाल के उतरने से कांग्रेस के अजय राय तीसरे स्थान पर खिसक गए थे. अब बिहार में आप का प्रवेश क्या फिर से कांग्रेस के लिए खतरा बनेगा?

नतीजे बताएंगे हकीकत

केजरीवाल ने साफ किया है कि वह बिहार में किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे. लेकिन बिहार में आप के पास न तो संगठन है और न ही 243 उम्मीदवार खड़े करने की क्षमता. ऐसे में क्या यह कदम बिहार में सियासी जमीन तैयार करने की शुरुआत है या कांग्रेस को कमजोर करने की रणनीति? प्रशांत किशोर जैसे दिग्गज भी बिहार में उम्मीदवारों को लेकर जूझ रहे हैं, तो आप का यह दांव कितना कारगर होगा?

केजरीवाल का बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कई सवाल खड़े करता है. क्या यह सियासी प्रयोग सफल होगा या 2014 की वाराणसी वाली गलती की पुनरावृत्ति? जवाब तो वक्त और चुनाव परिणाम ही देंगे.