सिद्धारमैया सरकार के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट ने किया कैंसल, RSS को मिलेगी राहत

कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया. अदालत द्वारा सिद्धारमैया सरकार के उस आदेश को कैंसल कर दिया गया, जिसमें राज्य सरकार की ओर से निजी संगठनों के लिए सरकारी परिसरों में कार्यक्रम करने पर रोक लगाई गई थी. 

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Courtesy: X (@UdayDes00570086)

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया. अदालत द्वारा सिद्धारमैया सरकार के उस आदेश को कैंसल कर दिया गया, जिसमें राज्य सरकार की ओर से निजी संगठनों के लिए सरकारी परिसरों में कार्यक्रम करने पर रोक लगाई गई थी. न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने अंतरिम रोक लगाई. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी.

सिद्धारमैया सरकार का यह सरकारी आदेश आरएसएस की गतिविधियों को रोकने का प्रयास माना जा रहा था. कई लोगों ने इसे राजनीतिक कदम बताया था, जिसे अब कोर्ट ने स्थगित कर दिया. 

याचिका किसने दायर की?  

याचिका पुनश्चैतन्य सेवा संस्था ने दाखिल की थी. जिसमें संस्था ने कहा कि आदेश निजी संगठनों के अधिकारों का हनन करता है. वे वैध गतिविधियां नहीं कर पाते. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका पर विचार करते हुए अंतरिम राहत दी. इस महीने की शुरुआत में सरकार ने आदेश जारी किया था. इसमें साफ कहा गया कि बिना लिखित अनुमति के कोई निजी या सामाजिक संगठन सरकारी स्कूल, कॉलेज या अन्य परिसरों में कार्यक्रम नहीं कर सकता. जिसके बाद बैठकें, सांस्कृतिक कार्यक्रम सब बंद कर दिए गए. हालांकि जब तक कोर्ट द्वारा अपना फाइनल फैसला नहीं सुना दिया जाता, तब तक कार्यक्रम को फिर से शुरू नहीं किए जाने की उम्मीद है. 

सिद्धारमैया सरकार ने क्या दिया था आदेश?

सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया कि वे कर्नाटक भूमि राजस्व और शिक्षा अधिनियमों का पालन करवाएं. वहीं अगर उल्लंघन होता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. इसके अलावा इस आदेश में सार्वजनिक संपत्ति के उपयोग के लिए दिशानिर्देश भी तय किए गए. कांग्रेस सरकार को अदालत के इस फैसले का यह स्पष्ट झटका लगा है. सरकार के इस आदेश को आरएसएस विरोधी रणनीति माना जाता था. अब कोर्ट ने इसे रोक दिया, जिससे संगठन राहत महसूस कर रहे हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी. जिसमें दोनों पक्ष अपने तर्क रखेंगे और कोर्ट भी अपना अंतिम फैसला सुनाएगा. जिसके बाद फिर से कार्यक्रमों को शुरू किया जाएगा. इस मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है.