भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 24 दिसंबर को एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए एलवीएम3-एम6 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. इस मिशन के माध्यम से अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल कंपनी के लिए विशेष रूप से तैयार ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया.
यह पूरी तरह से व्यावसायिक मिशन उपग्रह संचार के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत कर रहा है, जहां अंतरिक्ष तकनीक अब आम लोगों की पहुंच में आ रही है. इसरो की यह उपलब्धि न केवल भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को मजबूत करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर कनेक्टिविटी की चुनौतियों का समाधान भी प्रस्तुत करती है.
इसरो का एलवीएम3 रॉकेट अब तक की सबसे भारी पेलोड को निचली पृथ्वी कक्षा में पहुंचाने में सफल रहा है. ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट में 223 वर्ग मीटर का विशाल फेज्ड एरे एंटीना लगा है, जो इसे एलईओ में सबसे बड़ा व्यावसायिक संचार उपग्रह बनाता है. यह मिशन चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और दो वनवेब मिशनों जैसी पिछली सफलताओं की कड़ी में जुड़ता है. हाल ही में 2 नवंबर, 2025 को पूरा हुए एलवीएम3-एम5/सीएमएस-03 मिशन के बाद यह उपलब्धि इसरो की निरंतर प्रगति को दर्शाती है. इसरो की व्यावसायिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने एएसटी स्पेसमोबाइल के साथ समझौते के तहत इस मिशन को संभव बनाया, जो भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा.
ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि यह दुनिया भर के सामान्य स्मार्टफोन को 24 घंटे हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड प्रदान कर सके. इसके लिए किसी अतिरिक्त ग्राउंड उपकरण की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह उपग्रह एक वैश्विक नक्षत्रमंडल का हिस्सा है, जो निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराएगा:
यह तकनीक दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगी, जहां पारंपरिक नेटवर्क पहुंचना मुश्किल होता है. एएसटी स्पेसमोबाइल का यह प्रयास अंतरिक्ष-आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क को व्यावसायिक और सरकारी उपयोग के लिए तैयार कर रहा है.
एएसटी स्पेसमोबाइल कंपनी का लक्ष्य है कि दुनिया के लगभग छह अरब मोबाइल उपयोगकर्ताओं द्वारा सामना की जा रही कनेक्टिविटी की कमी को दूर किया जाए. साथ ही, उन अरबों लोगों तक ब्रॉडबैंड पहुंचाना जो अभी भी इंटरनेट से वंचित हैं. सितंबर 2024 में लॉन्च किए गए ब्लू बर्ड 1-5 उपग्रहों की सफलता पर आधारित यह मिशन कंपनी के नक्षत्रमंडल को और विस्तार देगा.