इंडिगो संकट के बीच सरकार का सख्त आदेश, कैंसलेशन का पूरा होगा रिफंड

इंडिगो फ्लाइट कैंसलेशन और देरी से परेशान यात्रियों के लिए सरकार ने सख्त निर्देश जारी किया है. जिसके मुताबिक ऑटो-रिफंड, रीशेड्यूलिंग पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. साथ ही एयरलाइंस को बैगेज और किराया नियंत्रण पर भी सख्त निर्देश दिए गए हैं.

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नई दिल्ली: इंडिगो एयरलाइंस के बड़े ऑपरेशनल संकट के बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने यात्रियों को राहत देने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. मिनिस्ट्री ने आदेश दिया है कि सभी कैंसिल और रुकी हुई फ्लाइट्स का रिफंड 7 दिसंबर, रात 8 बजे तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए.

बयान में साफ कहा गया कि यदि एयरलाइन रिफंड प्रक्रिया में देरी करती है या नियमों का सही पालन नहीं करती, तो तुरंत रेगुलेटरी एक्शन लिया जाएगा.

रीशेड्यूलिंग चार्ज नहीं, कैंसलेशन का पूरा पैसा वापस

मिनिस्ट्री ने निर्देश दिया कि जिन यात्रियों की यात्रा योजनाएं कैंसलेशन से प्रभावित हुई हैं, उनसे कोई रीशेड्यूलिंग चार्ज नहीं लिया जाएगा. सभी यात्रियों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के नई टिकट या रिफंड का विकल्प मिलेगा. शनिवार को भी इंडिगो की परेशानी कम नहीं हुई. देशभर में 500 से अधिक फ्लाइटें रद्द हुईं, जिनमें बेंगलुरु का केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट सबसे ज्यादा प्रभावित रहा. यात्रियों की कठिनाई कम करने के लिए मिनिस्ट्री ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि वह एक स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सुविधा सेल बनाए.

ऑटोमैटिक रिफंड सिस्टम होगा एक्टिव

मिनिस्ट्री ने कहा कि ऑपरेशन पूरी तरह स्थिर होने तक ऑटोमैटिक रिफंड सिस्टम सक्रिय रहेगा. फ्लाइट कैंसलेशन और देरी के चलते कई यात्रियों का बैगेज उनसे अलग हो गया है. इस पर मिनिस्ट्री ने इंडिगो को आदेश दिया कि सभी बैगेज को ट्रैक किया जाए. साथ ही 48 घंटे के अंदर यात्रियों के घर या चुने हुए पते पर डिलीवर किया जाए. इतना ही नहीं हर यात्री को ट्रैकिंग और टाइमलाइन की पारदर्शी जानकारी दी जाने की बात कही गई है.

मिनिस्ट्री ने कहा कि वह एयरलाइंस, एयरपोर्ट्स, सुरक्षा एजेंसियों और अन्य ऑपरेशनल विभागों के संपर्क में है ताकि यात्रियों के अधिकार सुरक्षित रह सकें. सीनियर सिटिज़न, दिव्यांग यात्रियों, स्टूडेंट्स, मरीजों और अर्जेंट यात्रा की ज़रूरत वाले यात्रियों के लिए विशेष ओवरसाइट सिस्टम लागू किया गया है.