भारत की दो दिन की यात्रा पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में एक विशेष शाकाहारी स्टेट डिनर आयोजित किया गया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रूस के राष्ट्रपति को भारतीय व्यंजनों की विविधता और समृद्धि दिखाने के लिए एक पारंपरिक ‘थाली’ पर अलग-अलग राज्यों के स्वादिष्ट पकवान परोसे. यह डिनर भारत की सांस्कृतिक विरासत और अतिथि–देवो–भव की परंपरा का प्रभावशाली प्रदर्शन माना जा रहा है.
डिनर की शुरुआत मुरुंगेलाई चारू से हुई, जो दक्षिण भारत का पारंपरिक रसम जैसा हल्का और स्वस्थ सूप है. इसके बाद कश्मीर और पूर्वी हिमालय की झलक लिए कई ऐपेटाइज़र परोसे गए, जिनमें कश्मीरी मोरेल मशरूम से बनी खास डिश गुच्छी दून चटनी, पैन में ग्रिल्ड चना कबाब और वेजिटेबल झोल मोमो शामिल थे. इन स्टार्टर में भारत की विविध पाक परंपराओं की झलक साफ दिखाई दी.
मुख्य भोजन में पुतिन को भारत का असली स्वाद चखाने के लिए कई व्यंजन शामिल किए गए. मेन कोर्स में ज़ाफरानी पनीर रोल, पालक मेथी मटर का साग, तंदूरी भरवां आलू, अचारी बैंगन और पीली दाल तड़का भी शामिल था. इनके साथ ड्राई फ्रूट और केसर पुलाव परोसा गया. भारतीय रोटियों की विविधता में मगज़ नान, मिस्सी रोटी, सतनाज रोटी, बिस्किट रोटी और लच्छा परांठा भी शामिल थे. डेज़र्ट सेक्शन पूरी तरह पारंपरिक भारतीय स्वाद से भरा था. जिसमें बादाम का हलवा, केसर पिस्ता कुल्फी, ताज़े फल, गुड़ संदेश और मुरक्कू शामिल था.
राष्ट्रपति भवन की नेवल बैंड ने भारतीय और रूसी धुनों का अनोखा संगम पेश किया. कार्यक्रम में ‘अमृतवर्षिनी’, ‘यमन’, ‘देश’ जैसे भारतीय रागों के साथ रूसी धुन ‘कलिंका’, चाइकोवस्की के नटक्रैकर सुइट के हिस्से और हिंदी फिल्म की धुन ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ भी बजाई गई.