Kanwar Yatra Name Plate Controversy: यूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट का विवाद एक बार फिर बड़ा रूप ले लिया है. सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए इसे साझा संस्कृति पर हमला करार दिया. मसूद ने कहा कि भारत प्रेम और भाईचारे की मिसाल है.
कांवड़ यात्रा में हिंदू-मुस्लिम एकता साफ दिखती है, जब मुस्लिम समुदाय श्रद्धालुओं की सेवा में जुटता है. लेकिन बीजेपी की नीतियां इस एकता को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की सियासत देश की गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचा सकती है.
नेम प्लेट नियम पर सवाल
योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिसमें 11 जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा के दौरान दुकानदारों को अपने नाम, पता और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करना अनिवार्य है. सरकार का कहना है कि यह कदम स्वच्छता और मिलावट रोकने के लिए है. लेकिन इमरान मसूद ने इसे सामाजिक सौहार्द के खिलाफ बताया.
उन्होंने कहा कि पिछले साल भी ऐसी कोशिशें नाकाम रहीं. इस बार भी जनता इस नफरत की राजनीति को खारिज करेगी. मसूद ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे स्वयं कांवड़ शिविरों में सेवा कर चुके हैं और यह आयोजन एकता का प्रतीक है.
विपक्ष ने जताई आपत्ति
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने योगी सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. विपक्ष का मानना है कि नेम प्लेट का नियम सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर सकता है. मसूद ने अपील की कि कांवड़ यात्रा जैसे पवित्र आयोजन को राजनीति से मुक्त रखा जाए.
इमरान मसूद ने लोगों से शांति बनाए रखने और इस विवाद को तूल न देने की अपील की. उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सामाजिक एकता का उत्सव है, जिसे सभी को मिलकर बढ़ावा देना चाहिए.