भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने देश में नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए 31 मार्च 2026 तक एक ठोस लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने इस संकल्प को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई और कहा कि केंद्र सरकार इस दिशा में पूरी ताकत से काम कर रही है. गृह मंत्री का यह बयान नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
नक्सलवाद का प्रभाव और भारत सरकार की रणनीति
नक्सलवाद, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ विशेष क्षेत्रों में फैला हुआ है, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है. यह समस्या खासतौर पर छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिक सक्रिय रही है. नक्सलवादी संगठन देश के विकास और सामाजिक शांति में बाधा डालते रहे हैं, जिससे सरकार और नागरिकों के बीच संघर्ष उत्पन्न होता है.
गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार ने नक्सलवाद से निपटने के लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ विकास कार्यों को भी प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा कि सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक कल्याण के लिए विशेष प्रयास कर रही है ताकि वहां के लोगों को मुख्यधारा में लाया जा सके.
केंद्र और राज्य सरकारों का संयुक्त प्रयास
अमित शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि नक्सलवाद से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को मजबूत किया गया है और स्थानीय पुलिस की क्षमता को भी बढ़ाया गया है. इसके अलावा, नक्सलवाद से जूझने के लिए विकास परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि उन क्षेत्रों में लोगों को रोजगार और अन्य सुविधाएं मिल सकें, जिससे वे नक्सलवाद से प्रभावित न हों.
नक्सल मुक्त भारत बनाने की दिशा में सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को ढेर करने के साथ ही भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गयी है।
— Amit Shah (@AmitShah) February 9, 2025
मानवता विरोधी नक्सलवाद को समाप्त करने में आज हमने अपने दो बहादुर…
31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा: एक प्रमुख लक्ष्य
गृह मंत्री ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य स्पष्ट करते हुए कहा, “हमारे सुरक्षा बलों की मेहनत और केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त रणनीति से हम नक्सलवाद को समाप्त करने में पूरी तरह सक्षम होंगे. हमारा उद्देश्य नक्सलवाद के स्रोत को जड़ से समाप्त करना और इन प्रभावित क्षेत्रों में शांति और समृद्धि लाना है.”
समाप्ति: सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता
अमित शाह के इस बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है. नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास के प्रयासों को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. सरकार का मानना है कि जब तक इन क्षेत्रों में शांति और समृद्धि नहीं आएगी, तब तक विकास की वास्तविक भावना को महसूस नहीं किया जा सकता है.