Hardoi Court Absconding: हरदोई जिले में आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार एक अभियुक्त, आरिफ, कोर्ट परिसर से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. यह घटना न्यायालय जैसे अति संवेदनशील स्थान पर हुई, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.
अभियुक्त की तलाश में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन घंटों बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला. इस लापरवाही के चलते पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
अभियुक्त की गिरफ्तारी और कोर्ट में पेशी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उसके पास से 315 बोर का एक अवैध तमंचा और पांच जिंदा कारतूस बरामद हुए थे. आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे 13 अगस्त को एसीजेएम द्वितीय की अदालत में रिमांड के लिए पेश किया गया. हालांकि, पेशी के दौरान आरिफ ने मौका देखकर पुलिस की निगरानी से बचकर भागने में सफलता हासिल की.
कैसे भागा अभियुक्त?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कोर्ट परिसर में आरिफ ने पुलिसकर्मियों की लापरवाही का फायदा उठाया और तेजी से भीड़ में गायब हो गया. बताया जाता है कि वह अदालत भवन के एक कोने से निकलकर आसपास की भीड़ में मिल गया. इस घटना ने कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी. पुलिसकर्मी तुरंत हरकत में आए, लेकिन तब तक आरिफ फरार हो चुका था.
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही सीओ सिटी अंकित मिश्रा और स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची. जिले के सभी थानों को अलर्ट कर नाकाबंदी की गई और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. सीओ सिटी ने बताया कि अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की गई हैं, और वैधानिक कार्रवाई जारी है.
लापरवाही पर सख्त एक्शन
पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए. प्रारंभिक जांच में पेशी के लिए अभियुक्त को लाने वाले पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई. इसके परिणामस्वरूप, अतरौली थाने के उपनिरीक्षक मोहित कुमार, हेड कांस्टेबल सुबोध कुमार और कांस्टेबल सौरभ शर्मा को निलंबित कर दिया गया. पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने स्पष्ट किया कि यह घटना पुलिस की कार्यकुशलता पर सवाल उठाती है और दोषी कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कोर्ट परिसर में सुरक्षा की मांग
स्थानीय अधिवक्ता संघ ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कोर्ट परिसर में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है. एक अधिवक्ता ने कहा कि कोर्ट में सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती अनिवार्य है. ऐसी लापरवाही बड़े अपराधियों को फरार होने का मौका दे सकती है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरिफ के खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. आशंका है कि वह अपने परिचितों या रिश्तेदारों के पास छिपा हो सकता है. पुलिस ने संभावित ठिकानों पर दबिश दी है और ग्रामीण क्षेत्रों में तलाश तेज कर दी है. जिले से बाहर भी टीमें भेजने की तैयारी की जा रही है.
जनता में बढ़ी चिंता
इस घटना ने स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर असंतोष पैदा किया है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर कोर्ट जैसी सुरक्षित जगह से अभियुक्त भाग सकता है, तो आम स्थानों की सुरक्षा का क्या हाल होगा? पुलिस ने रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और अन्य संदिग्ध स्थानों पर चेकिंग तेज कर दी है. अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही अभियुक्त को पकड़ लिया जाएगा और इस साजिश का खुलासा होगा.