Former CJI Dhananjaya Chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने लुटियंस दिल्ली में स्थित सरकारी बंगले को खाली करने में देरी के लिए व्यक्तिगत कारणों का उल्लेख किया है. सुप्रीम कोर्ट प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार को लिखे गए पत्र के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी दो बेटियों को गंभीर आनुवंशिक बीमारी, नेमालाइन मायोपैथी है.
इस कारण उपयुक्त आवास की तलाश में समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्तिगत मुद्दा है, लेकिन मैं अपनी जिम्मेदारियों से पूरी तरह वाकिफ हूँ और जल्द ही बंगला खाली कर दूंगा.
सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को पत्र
सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई 2025 को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) को पत्र लिखकर कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 5, जो वर्तमान CJI के लिए निर्दिष्ट है, को तत्काल खाली करने का निर्देश दिया. पूर्व CJI चंद्रचूड़, जो नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए, अभी भी इस टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं.
विस्तार के लिए अनुरोध
चंद्रचूड़ ने दिसंबर 2024 में तत्कालीन CJI खन्ना को पत्र लिखकर बंगले में 30 अप्रैल 2025 तक रहने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने तुगलक रोड पर अपने नए आवास (बंगला नंबर 14) में जीआरएपी-IV नियमों के कारण रुके नवीनीकरण कार्य को इसका कारण बताया. इस अनुरोध को मंजूरी मिली, और मंत्रालय ने 5,430 रुपये मासिक लाइसेंस शुल्क निर्धारित किया.
बाद में उन्होंने 31 मई 2025 तक रहने के लिए मौखिक अनुरोध किया, जिसे सशर्त स्वीकार किया गया. पूर्व CJI ने कहा कि वह जल्द ही बंगला खाली कर देंगे, जैसा कि अतीत में अन्य पूर्व CJI को भी समय विस्तार दिया गया था. इस मामले ने सरकारी आवास नीतियों पर चर्चा को फिर से जागृत कर दिया है.