'सामान पैक है बस बेटी की...', बंगला खाली करने में देरी पर पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने बताई वजह 

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ द्वारा सरकारी बंगला खाली करने में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर लुटियंस दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला नंबर 5 तुरंत खाली कराने की मांग की है.

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Former CJI Chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ द्वारा सरकारी बंगला खाली करने में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर लुटियंस दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला नंबर 5 तुरंत खाली कराने की मांग की है. चंद्रचूड़ ने इस देरी का कारण अपनी बेटियों की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बताया है.

बेटियों की बीमारी 

जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि उनकी गोद ली हुई बेटियां, प्रियंका और माही, नेमालाइन मायोपैथी नामक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित हैं. उनके लिए घर में ही आईसीयू जैसा सेटअप बनाया गया है. एक बार शिमला यात्रा के दौरान उनकी एक बेटी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे 44 दिन आईसीयू में रहना पड़ा. इस कारण उपयुक्त आवास ढूंढने में समय लग रहा है.

नया बंगला तैयार

गचंद्रचूड़ को तीन मूर्ति मार्ग पर नया सरकारी बंगला आवंटित किया गया है, जो दो साल से खाली होने के कारण मरम्मत के दौर से गुजर रहा है. उन्होंने बताया, "हमारा सामान पैक है. मरम्मत पूरी होते ही, अधिकतम दो सप्ताह में हम शिफ्ट हो जाएंगे." किराए पर घर लेने की कोशिश भी नाकाम रही, क्योंकि मालिक अल्पकालिक किरायेदारी के लिए तैयार नहीं थे.

सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश

1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर बंगला तत्काल खाली करने का आदेश दिया था क्योंकि यह वर्तमान सीजेआई के लिए आरक्षित है.

चंद्रचूड़ ने कहा कि यूयू ललित और एनवी रमना जैसे पूर्व सीजेआई को भी रिटायरमेंट के बाद अतिरिक्त समय दिया गया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को अपनी स्थिति से अवगत कराया था और जल्द ही शिफ्ट होने का आश्वासन दिया था.