'पिता ने कहा था, BJP के साथ जाने से पहले जहर खा लूंगा', बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान का बड़ा खुलासा

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने दावा किया है कि उनके पिता दिवंगत रामविलास पासवान 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन के सख्त खिलाफ थे.

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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने दावा किया है कि उनके पिता दिवंगत रामविलास पासवान 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन के सख्त खिलाफ थे.

चिराग ने कहा कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि मैं BJP के साथ जाने से पहले जहर खा लूंगा. रामविलास पासवान छह प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे, पहले यूपीए सरकार में और फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में 2020 में उनका निधन हो गया. 

राहुल गांधी से मुलाकात का इंतजार

चिराग ने एक इंटरविव में खुलासा किया कि 2013 के नवंबर से 2014 के फरवरी तक वह और उनके पिता राहुल गांधी से मुलाकात के लिए तीन महीने तक प्रयास करते रहे, लेकिन यह संभव नहीं हुआ. चिराग ने बताया कि हमने कई बार सोनिया गांधी जी से मुलाकात की और हर बार हमें कहा गया कि राहुल जी से मीटिंग तय होगी.

लेकिन वह कभी नहीं हुई. इसके बाद परिस्थितियां ऐसी बनीं कि राम विलास पासवान ने 2014 में BJP के साथ गठबंधन कर लिया. यह गठबंधन 2002 के गुजरात दंगों के बाद टूट गया था, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

बिहार चुनाव में 'एक्स-फैक्टर' बनने की तैयारी

चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ जोरदार भागीदारी की घोषणा की है. उन्होंने कहा, "मैं हर सीट पर पूरी ताकत से लड़ूंगा." हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह स्वयं सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे या यह एक प्रतीकात्मक बयान है.

चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि 2021 में उनकी पार्टी में हुए विभाजन को लेकर BJP के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है. उस समय उनके चाचा पशुपति नाथ पारस BJP के करीबी बन गए थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग फिर से BJP के खेमे में थे.

2020 का प्रभाव और नई रणनीति

2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने 130 से अधिक सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन केवल एक सीट पर जीत हासिल हुई. फिर भी उन्होंने दावा किया था कि उनका लक्ष्य नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) को नुकसान पहुंचाना था, जिसमें वह सफल रहे. इस बार चिराग ने युवाओं से जाति की बजाय प्रगति पर ध्यान देने की अपील की है. उनका कहना है कि वह बिहार में एक नई राजनीतिक पहचान बनाना चाहते हैं.

BJP-एनडीए के प्रति वफादारी

चिराग ने इंटरविव में BJP औरNDA के प्रति अपनी वफादारी दोहराई. बिहार में नीतीश कुमार की जेडी(यू) और BJP के साथ गठबंधन में होने के बावजूद, चिराग की महत्वाकांक्षा उन्हें एक 'किंगमेकर' के रूप में स्थापित करने की ओर इशारा करती है.