पटना: छठ महा पर्व खत्म होते ही बिहार पूरी तरह चुनावी रंग में रंग गया है. सभी बड़े दल नेता मैदान में उतरने को तैयार हैं. रैलियां और जनसभाएं शुरू होने वाली हैं. महागठबंधन और एनडीए दोनों मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं. नेता राज्य भर में घूमकर वोट मांगना शुरू कर चुके हैं. दोनों गठबंधन जीत के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं.
बिहार में चुनावी सरगर्मी चरम पर है. कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावरु ने पटना में महागठबंधन के मुख्य वादे को फिर दोहराया है. उन्होंने कहा कि ये वादे आम जनता को सीधे फायदा पहुंचाएंगे.
महागठबंधन की ओर से राज्य की हर महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की मदद राशि देने का वादा किया गया है. इसके अलावा 25 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज और भूमिहीन परिवारों को 3 से 5 डिसमिल जमीन देने की बात कही गई है. ये प्रतिबद्धताएं घोषणापत्र से पहले साझा की गईं. इसे लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है.
महागठबंधन आज पटना में अपना चुनावी घोषणापत्र लॉन्च करेगा. इसमें रोजगार, महंगाई, शिक्षा और किसान कल्याण पर फोकस होगा. उम्मीद है कि ये मुद्दे वोटरों को प्रभावित करेंगे. चुनाव की तैयारी में एनडीए भी पीछे नहीं है. वह अपने उम्मीदवारों के लिए रैलियां आयोजित कर रहा है. दोनों तरफ जोरदार मुकाबला देखने को मिलने वाला है.
चुनाव से पहले पार्टी द्वारा नेताओं को बाहर करने का भी सिलसिला जारी है. जेडीयू के बाद आरजेडी ने भी बड़ा फैसला लिया है. पार्टी ने सोमवार को 27 नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया. इन नेताओं पर आरोप है कि ये पार्टी विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. राज्य मुख्यालय से बयान जारी करते हुए कहा गया कि ये नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे या आधिकारिक उम्मीदवारों का विरोध कर रहे थे.
बयान में कहा गया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ काम करने वालों को छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है. यह कार्रवाई पार्टी अनुशासन बनाए रखने के लिए है. बागी नेताओं की सूची जारी की गई. बिहार में अब चुनावी जंग तेज हो गई है. छठ की पूजा के बाद नेता जनता के बीच पहुंच रहे हैं. महागठबंधन के वादे गरीबों और महिलाओं को लक्ष्य कर रहे हैं. एनडीए अपनी योजनाओं पर जोर दे रहा है.