महाYuti में 'कोल्ड वॉर' की अटकलों के बीच देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया, पढ़िए क्या कहा 

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के भीतर मतभेदों की खबरों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मंत्रालय में मेडिकल सहायता सेल स्थापित करने के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह पहल पूरी तरह से जनसेवा के लिए है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

Date Updated
फॉलो करें:

Mahayuti: महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के भीतर मतभेदों की खबरों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मंत्रालय में मेडिकल सहायता सेल स्थापित करने के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह पहल पूरी तरह से जनसेवा के लिए है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

हालांकि, मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) पहले से मौजूद है, लेकिन शिंदे ने अलग से यह मेडिकल सहायता सेल बनाई है. उन्होंने सोमवार को स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ उनका कोई टकराव नहीं है.

'कोई टकराव नहीं'

एकनाथ शिंदे के करीबी सहयोगी मंगेश चिवटे इस नए मेडिकल सहायता सेल का नेतृत्व करेंगे. यह कदम उस समय आया है जब महायुति सरकार के भीतर संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति समेत कई मुद्दों को लेकर असहमति चल रही है.

फडणवीस ने कहा कि ऐसे किसी भी सेल का गठन गलत नहीं है, क्योंकि इसका उद्देश्य जनता की मदद करना है. जब मैं उपमुख्यमंत्री था, तब मैंने भी ऐसा ही एक सेल बनाया था.

सोमवार को शिंदे ने बयान दिया कि यह सेल उनकी और फडणवीस की साझा पहल का हिस्सा है, जो जनता की मदद के लिए बनाई गई है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद सिर्फ सेवा देना है, न कि कोई प्रतिस्पर्धी सिस्टम खड़ा करना.

मेडिकल सहायता सेल की भूमिका

मंगेश चिवटे ने बताया कि यह सेल खुद वित्तीय सहायता नहीं देगी, बल्कि ज़रूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मार्गदर्शन करेगी. इसमें मुख्यमंत्री राहत कोष, धर्मार्थ अस्पताल योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं शामिल हैं.

ज़रूरतमंद मरीजों को उचित सहायता

उन्होंने यह भी कहा कि जब शिंदे मुख्यमंत्री थे, तब वह राहत कोष के जरिए लोगों की मदद कर रहे थे. अब यह नया सेल सीधे फंड वितरित नहीं करेगा, बल्कि ज़रूरतमंद मरीजों को उचित सहायता प्रदान करेगा.

राउत ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह ईवीएम का इस्तेमाल करके 56-57 विधायकों को जिताने में सफल रही है, लेकिन अब वे अपनी ही सरकार को चुनौती दे रहे हैं.

उन्होंने बीड जिले के मसायजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का जिक्र करते हुए कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कुछ ऐसे लोगों को बचाने में लगे हैं, जिनका संबंध बीजेपी के युवा मोर्चा से है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से राज्य के एनसीपी मंत्री धनंजय मुंडे पर निशाना साधा गया.