'दिल्ली हाई कोर्ट जज के घर नकदी मिली लेकिन कोई कार्रवाई नहीं', उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उठाए जांच पर सवाल

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने का मामला सुर्खियों में है. इस घटना ने न्यायपालिका की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं.

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Jagdeep Dhankhar: दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने का मामला सुर्खियों में है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मामले में एफआईआर दर्ज न होने पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है.

नकदी बरामदगी का विवाद

मार्च 2025 में जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगने की घटना के बाद दमकल कर्मियों ने वहां से भारी मात्रा में जले हुए नोट और बिना हिसाब की नकदी बरामद की. इस घटना ने न केवल न्यायपालिका की छवि को प्रभावित किया, बल्कि यह सवाल भी उठाया कि इतनी बड़ी मात्रा में नकदी का स्रोत क्या था. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि यदि यह मामला किसी राजनेता या नौकरशाह से जुड़ा होता, तो त्वरित कार्रवाई हो चुकी होती.

सुप्रीम कोर्ट की जांच और देरी

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसने जस्टिस वर्मा को दोषी पाया. इसके बावजूद, कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई. धनखड़ ने इस देरी को न्यायिक जवाबदेही के लिए खतरा बताया. उन्होंने 1990 के दशक के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार को कार्रवाई में बाधा डाल रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून के शासन को लागू करने के लिए त्वरित जांच जरूरी है.

उपराष्ट्रपति ने न्यायिक स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए कहा कि जवाबदेही सर्वोपरि है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस नकदी का उपयोग न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के लिए किया गया. धनखड़ ने मांग की कि इस मामले में बड़े शार्क्स की पहचान हो और धन के स्रोत का पता लगाया जाए.