Haridwar stampede: उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में रविवार सुबह मनसा देवी मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल हुए. इस दुखद घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया. मंदिर के आसपास एम्बुलेंस के सायरन और अफरातफरी का माहौल देखा गया.
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सीढ़ियों पर अचानक बढ़ी भीड़ और एक यात्री के पैर फिसलने से यह हादसा हुआ. हालांकि, कुछ लोगों ने बिजली के तार में करंट की अफवाह को भी भगदड़ का कारण बताया.
ट्रस्ट और प्रशासन का बयान
मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने घटना पर गहरा दुख जताया. उन्होंने कहा, "कांवड़ मेला सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, लेकिन इस अप्रत्याशित घटना ने सबको झकझोर दिया." हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि भगदड़ की वजह भीड़ का अनियंत्रित होना और अफवाह थी. बिजली विभाग ने करंट की अफवाह को खारिज करते हुए तारों की सुरक्षा की पुष्टि की.
मौजूद अजय ने बताया की
मौके पर मौजूद अजय जायसवाल ने बताया कि सीढ़ी मार्ग पर एक तरफ से मंदिर की ओर जा रही भीड़ और दूसरी तरफ से लौट रही भीड़ आपस में टकराई. एक व्यक्ति का पैर फिसलने से स्थिति बेकाबू हो गई. घायलों में बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोग शामिल हैं, जिनमें दो बच्चे और एक महिला की मौत हुई.
पहले भी हो चुके हैं हादसे
हादसे के बाद जिला प्रशासन ने मंदिर के सभी मार्ग (रोपवे, पैदल, और सीढ़ी) बंद कर दिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये व घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि की घोषणा की. एसडीआरएफ और पुलिस राहत कार्य में जुटी हुई है. हरिद्वार में भगदड़ की यह पहली घटना नहीं है.