'सर' को किसने बचाया?...', Anna University sexual harassment case में DMK VS AIADMK के बीच तीखी तकरार

दोषी ज्ञानशेखरन, जो डीएमके समर्थक है, को दिसंबर 2024 में एक द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के लिए 30 साल की आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें कोई छूट नहीं दी जाएगी.

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Anna University sexual harassment: दोषी ज्ञानशेखरन, जो डीएमके समर्थक है, को दिसंबर 2024 में एक द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के लिए 30 साल की आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें कोई छूट नहीं दी जाएगी.

महिला कोर्ट की जज एम. राजलक्ष्मी ने 28 मई को 11 अलग-अलग आरोपों के तहत दोषी ठहराते हुए 90,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस फैसले ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके और विपक्षी दल एआईएडीएमके के बीच तीखी राजनीतिक जंग छेड़ दी है.

AIADMK का DMK पर हमला

विपक्ष के नेता और एआईएडीएमके प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि डीएमके सरकार ने मामले में एक अन्य व्यक्ति, जिसे एफआईआर में 'सर' के रूप में उल्लेखित किया गया, को बचाने की कोशिश की.

पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "डीएमके सरकार ने ज्ञानशेखरन को बचाने के लिए कई गुप्त प्रयास किए." उन्होंने सवाल उठाया कि 'सर' कौन है और उसे जांच से क्यों बाहर रखा गया. पलानीस्वामी ने कहा कि जनता और सोशल मीडिया के दबाव ने इस सजा को संभव बनाया.

मामले का भविष्य

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वे केवल महिलाओं की सुरक्षा का दिखावा कर रहे हैं. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "महज पांच महीनों में जांच पूरी कर दोषी को कड़ी सजा दिलाई गई. महिला अदालत ने पुलिस की कार्यशैली की तारीफ की है."

स्टालिन ने विपक्ष पर इस मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. यह मामला 2026 के विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण हो सकता है. एआईएडीएमके ने 'सर' की पहचान को लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि डीएमके ने जांच की पारदर्शिता पर जोर दिया है.