Opposition Protest March: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को संसद भवन से नेताओं के मार्च को दिल्ली पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद पुलिस बैरिकेड्स को लांघते देखा गया. यह मार्च बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित 'मतदाता धोखाधड़ी' के विरोध में निकाला गया था. यह मार्च शुरू होने के कुछ ही मिनटों में पुलिस बैरिकेड्स के कारण रुक गया.
कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में 300 से अधिक सांसद इस मार्च में शामिल हुए. राहुल ने कहा कि यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान को बचाने की है. हम एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं. एक व्यक्ति, एक वोट का अधिकार सुनिश्चित होना चाहिए. उन्होंने चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया और निष्पक्षता पर सवाल उठाए.
दिल्ली पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए कई बैरिकेड्स लगाए. पुलिस का कहना था कि मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी. विरोध प्रदर्शन से पहले, चुनाव आयोग कार्यालय और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई. बड़ी संख्या में पुलिस बल, त्वरित प्रतिक्रिया दल और सुरक्षा वाहन तैनात किए गए ताकि यातायात व्यवस्था बनी रहे और कोई अप्रिय घटना न हो. विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी का मुद्दा उठाया और आगामी चुनावों की निष्पक्षता पर चिंता जताई.
#WATCH | Delhi: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav jumps over a police barricade as Delhi Police stops INDIA bloc leaders marching from the Parliament to the Election Commission of India to protest against the Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in poll-bound… pic.twitter.com/X8YV4mQ28P
— ANI (@ANI) August 11, 2025
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनके जवाब जरूरी हैं. चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि जनता के मन में चुनावों की विश्वसनीयता पर कोई संदेह न रहे. उन्होंने डुप्लीकेट वोटिंग, फर्जी वोट और कई पतों जैसे मुद्दों पर जवाब की मांग की. थरूर ने कहा कि लोकतंत्र अनमोल है. इसे संदेह के खतरे में नहीं डाला जा सकता. विपक्ष ने साफ किया कि यह मुद्दा केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र से जुड़ा है. चुनाव आयोग से जवाब की मांग तेज हो रही है, और यह मामला आने वाले दिनों में और गरमा सकता है.