नई दिल्ली: अमेरिकी दूतावास ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए एक अहम अलर्ट जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अब सभी H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की ऑनलाइन और सोशल मीडिया जांच को अनिवार्य रूप से बढ़ाया गया है. यह जांच दुनिया भर में सभी देशों के आवेदकों पर लागू होगी.
अमेरिकी दूतावास ने वीजा आवेदकों को सलाह दी है कि वे जितना जल्दी हो सके आवेदन करें और इन वीजा कैटेगरी के लिए अतिरिक्त प्रोसेसिंग समय की उम्मीद करने को कहा है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में हजारों H-1B वीजा आवेदकों के पहले से तय इंटरव्यू अचानक टाल दिए गए हैं. कई लोगों के इंटरव्यू अब तीन से पांच महीने आगे बढ़ा दिए गए हैं.
WORLDWIDE ALERT FOR H-1B AND H-4 VISA APPLICANTS
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) December 22, 2025
Beginning December 15, the Department of State expanded online presence reviews to ALL H-1B and H-4 applicants as part of standard visa screening. This vetting is being conducted globally for ALL applicants of ALL nationalities… pic.twitter.com/qMrMrOvqy0
इससे नौकरी के सिलसिले में अमेरिका लौटने की तैयारी कर रहे भारतीयों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 15 दिसंबर से विदेश विभाग ने H-1B और H-4 वीजा के लिए ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा को मानक जांच प्रक्रिया का हिस्सा बना दिया है.
यह कदम H-1B वीजा कार्यक्रम के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है. दूतावास का कहना है कि इसके बावजूद योग्य विदेशी पेशेवरों को नौकरी देने की प्रक्रिया जारी रहेगी. H-1B वीजा अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस वीजा के जरिये कंपनियां कुशल विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं. भारतीय पेशेवर खासकर आईटी विशेषज्ञ और डॉक्टर एच वन बी वीजा धारकों का एक बड़ा हिस्सा हैं.
नई जांच व्यवस्था के चलते भारत में 15 दिसंबर के बाद तय सभी इंटरव्यू को पुनर्निर्धारित किया गया है. कुछ आवेदकों को मार्च तो कुछ को मई तक की नई तारीखें दी गई हैं. बड़ी संख्या में ऐसे भारतीय पहले ही भारत आ चुके हैं और अब उनके पास अमेरिका लौटने के लिए वैध वीजा नहीं है. इससे उनकी नौकरी और निजी जीवन दोनों पर असर पड़ रहा है.
अमेरिकी दूतावास पहले भी कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि अमेरिकी वीजा कोई अधिकार नहीं बल्कि एक विशेष सुविधा है. दूतावास ने कहा है कि वीजा जारी होने के बाद भी जांच प्रक्रिया जारी रहती है और कानून तोड़ने पर वीजा रद्द किया जा सकता है.
भारत सरकार ने भी संसद में बताया है कि अमेरिका अब हर वीजा आवेदन को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा फैसला मान रहा है. इसके चलते छात्र वीजा के साथ साथ H-1B और H-4 वीजा पर भी कड़ी जांच की जा रही है.