India-Pakistan tension: सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में भारत और पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने तनावपूर्ण माहौल में एक-दूसरे को कड़ी चेतावनी दी. इस वैश्विक रक्षा मंच पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ने सभी का ध्यान खींचा.
आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख
जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ असहिष्णुता की नई रेखा खींची है. उन्होंने कहा, "हम दो दशकों से अधिक समय से प्रॉक्सी युद्ध और आतंकवाद का सामना कर रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर से हमने अपने विरोधियों को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत की सहनशीलता की एक सीमा है." यह ऑपरेशन 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे.
पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर जोर
पाकिस्तान के जनरल मिर्जा ने अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इसका समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि संघर्ष प्रबंधन के बजाय समाधान पर ध्यान न देने से विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. मिर्जा ने कहा, "भारत की क्षेत्रीय प्रभुत्व की महत्वाकांक्षा और पश्चिमी समर्थन इसे संघर्ष प्रबंधन से दूर ले जा रहा है, जिससे दोनों देशों के लिए खतरा बढ़ गया है."
ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य टकराव
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ढांचों को नष्ट किया. 7 मई से शुरू हुआ यह चार दिवसीय सैन्य टकराव 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की सहमति के साथ समाप्त हुआ. मिर्जा ने दावा किया कि अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, चीन, सऊदी अरब और यूएई ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई.