Pakistan Occupied Kashmir: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सियासी संकट गहराता जा रहा है. चौधरी अनवारुल हक की सरकार पर अब खतरे की तलवार लटक रही है, क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (PML-N) ने अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है. इस फैसले के बाद अनवारुल हक की सरकार अल्पमत में आ गई है और उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को शहबाज शरीफ के आवास पर पीएमएल-एन की शीर्ष नेतृत्व बैठक हुई, जिसमें पार्टी ने पीओके की सरकार से समर्थन वापसी का औपचारिक निर्णय लिया. इस बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अलावा वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. यह कदम उस समय उठाया गया है जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हाल ही में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों ने शहबाज सरकार की किरकिरी करा दी थी.
अल्पमत में आई अनवारुल हक की सरकार
पीओके विधानसभा में कुल 53 सीटें हैं, और बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 27 विधायकों का समर्थन चाहिए. 2024 के विधानसभा चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को 26 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन बाद में चौधरी अनवारुल हक ने बगावत कर दी और अपने साथ 20 विधायक ले गए. इसके बाद अनवारुल ने पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) और पीएमएल-एन के समर्थन से सरकार बनाई थी.
हालांकि, कुछ समय पहले बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पीपीपी ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. अब पीएमएल-एन के समर्थन वापसी के बाद अनवारुल सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है. मौजूदा स्थिति में अनवारुल हक की पार्टी के पास 20 विधायक हैं, जबकि पीपीपी के पास 13, पीएमएल-एन के पास 8 और पीटीआई के पास 6 विधायक हैं. इसके अलावा जेकेपी और एजकेएमसी के पास एक-एक सीट है.
बिलावल की बढ़ी राजनीतिक सक्रियता
सरकार के संकट में फंसने के बाद अब बिलावल भुट्टो ज़रदारी की नजर पीओके की सत्ता पर है. सूत्रों के अनुसार, बिलावल पीपीपी और पीएमएल-एन के गठबंधन के जरिये सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों दलों के पास मिलाकर 21 विधायक हैं. यदि वे दो छोटी पार्टियों जेकेपी और एजकेएमसी का समर्थन हासिल कर लेते हैं, तो यह संख्या 23 तक पहुंच जाएगी. इसके बाद दोनों दल अनवारुल के खेमे से कुछ असंतुष्ट विधायकों को अपने साथ मिलाकर बहुमत का आंकड़ा पार करने की कोशिश में हैं.
जनता का गुस्सा और सेना की तैनाती
हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में अनवारुल हक सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार, महंगाई और वीआईपी कल्चर के खिलाफ नारे लगाए. हालात इतने बिगड़ गए कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पाकिस्तानी सरकार को सेना तैनात करनी पड़ी.
माना जा रहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों ने न केवल पीओके बल्कि इस्लामाबाद में भी राजनीतिक अस्थिरता बढ़ा दी है. अब देखना होगा कि क्या चौधरी अनवारुल हक इस्तीफा देंगे या बहुमत साबित करने की कोशिश करेंगे. लेकिन मौजूदा हालात में पीओके में सत्ता परिवर्तन लगभग तय माना जा रहा है.