Pakistan supports OIC: इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की तुर्किए के इस्तांबुल में बैठक हुई. इस दो दिवसीय बैठक में कुल 57 मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया. विदेश मंत्रियों की परिषद (CFM) ने अपने बयान में भारत की कश्मीर नीति और सैन्य कार्रवाइयों की आलोचना की . साथ ही 1960 की सिंधु जल संधि (IWT) को बनाए रखने की अपील की. यह बैठक एक बार फिर पाकिस्तान की भारत-विरोधी कूटनीति का मंच बन गई.
सिंधु जल संधि पर OIC का जोर
OIC ने अपने औपचारिक बयान में कहा कि भारत और पाकिस्तान को सिंधु जल संधि का सख्ती से पालन करना चाहिए. बयान में इस ऐतिहासिक समझौते को अटूट रखने की बात कही गई. यह टिप्पणी तब आई जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद संधि पर सख्त रुख अपनाया और पाकिस्तान का पानी रोकने का संकेत दिया. इस मुद्दे पर दोनों देशों में तीन महीने से तनाव बना हुआ है.
बयान में कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र और OIC प्रस्तावों का हवाला दिया गया. यह भारत की उस नीति के खिलाफ है, जिसमें जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग माना जाता है.
भारत के खिलाफ सैन्य आलोचना
OIC ने दक्षिण एशिया में बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर चिंता जताई और भारत पर क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ाने का आरोप लगाया. संगठन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन बयान स्पष्ट रूप से भारत को निशाना बनाता दिखा.
बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के साथ सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की तुर्किए यात्रा चर्चा में रही. उनकी तुर्किए के राष्ट्रपति से मुलाकात ने OIC के बयान की तीखी भाषा को प्रभावित किया.