नवाज शरीफ की पाकिस्तान में धमाकेदार वापसी? राष्ट्रपति पद की चर्चा तेज

पाकिस्तान की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की करीब एक दशक बाद राजनीति में वापसी की चर्चा जोरों पर है. इस्लामाबाद के गलियारों में उनके राष्ट्रपति बनने की अटकलें तेज हो रही हैं.

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Nawaz Sharif: पाकिस्तान की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की करीब एक दशक बाद राजनीति में वापसी की चर्चा जोरों पर है. इस्लामाबाद के गलियारों में उनके राष्ट्रपति बनने की अटकलें तेज हो रही हैं.

वर्तमान में उनके भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं, जबकि राष्ट्रपति की कुर्सी आसिफ अली जरदारी के पास है. लेकिन क्या नवाज शरीफ इस बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होंगे?

जरदारी को हटाने की सुगबुगाहट

पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ की वापसी की संभावनाएं बढ़ रही हैं, हालांकि पद को लेकर असमंजस बरकरार है. 2024 में जब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की सरकार बनी थी, तब परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं.

मजबूरी में पीएमएल-एन को जरदारी की पार्टी के साथ गठबंधन करना पड़ा, जिसके तहत जरदारी को राष्ट्रपति पद सौंपा गया. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. शहबाज शरीफ ने सेना के समर्थन से अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. ऐसे में नवाज शरीफ की रणनीति सभी बड़े पद अपनी पार्टी के पास रखने की है.

सेना का दखल

हाल ही में सेना प्रमुख असिम मुनीर के राष्ट्रपति बनने की चर्चा भी चली थी, लेकिन इस पर शहबाज और मुनीर ने चुप्पी साध ली. कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएमएल-एन पहले राष्ट्रपति पद को रिक्त कराकर असिम मुनीर को इस पद पर बिठा सकती है.

इसके अलावा सिंध और पंजाब में जरदारी की पार्टी और शहबाज की पार्टी के बीच सियासी टकराव भी तेज हो रहा है. मरियम नवाज सिंध में प्रभाव बढ़ाने में जुटी हैं, जबकि जरदारी पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में हैं.

पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद का महत्व

पाकिस्तान में राष्ट्रपति का पद संवैधानिक और सर्वोच्च है. 1956 में इस्कंदर अली मिर्जा पहले राष्ट्रपति बने थे. सेना से चार राष्ट्रपति - अयूब खान, याह्या खान, जिया उल हक और परवेज मुशर्रफ - इस पद पर रह चुके हैं. आसिफ अली जरदारी पहले राजनेता हैं, जो दो बार राष्ट्रपति बने. क्या नवाज शरीफ इस सूची में शामिल होंगे?