किम जोंग उन और पुतिन की मुलाकात के बाद वायरल वीडियो, स्टाफ ने मिटाए हर निशान

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया मुलाकात के बाद एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है.

Date Updated
फॉलो करें:

Kim Jong Un: उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया मुलाकात के बाद एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. इस वीडियो में किम जोंग उन के स्टाफ को उनकी मौजूदगी के सभी सबूतों को सावधानीपूर्वक मिटाते हुए देखा गया. यह घटना चीन में हुई, जहां दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद किम के कर्मचारियों ने उनकी कुर्सी, टेबल और यहां तक कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए गिलास को भी साफ किया.

किम के स्टाफ की फॉरेंसिक सफाई

रूसी पत्रकार एलेक्ज़ेंडर यूनाशेव ने अपने चैनल 'Yunashev Live' पर इस घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कुर्सी के आर्मरेस्ट, गद्दी और टेबल को बारिकी से पोंछा गया, जबकि उनका इस्तेमाल किया हुआ गिलास एक विशेष ट्रे में रखकर हटा लिया गया. इस सख्त प्रक्रिया ने सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.

डीएनए सुरक्षा या जासूसी से बचाव?

इस असाधारण सफाई के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रूस या चीन की खुफिया एजेंसियों की निगरानी से बचने के लिए उठाया गया. दिलचस्प बात यह है कि किम अकेले नहीं हैं जो ऐसी सावधानी बरतते हैं.

पुतिन की भी सख्त सुरक्षा नीति

रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी विदेशी दौरों के दौरान अपने डीएनए की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं. उनके बॉडीगार्ड कथित तौर पर उनके मूत्र और मल को विशेष बैग में एकत्र कर मॉस्को वापस ले जाते हैं. यह प्रक्रिया 2017 से लागू बताई जाती है, ताकि उनकी सेहत से जुड़ी कोई भी जानकारी दुश्मनों के हाथ न लगे.

रूस-उत्तर कोरिया की बढ़ती नजदीकियां

इस मुलाकात में किम ने पुतिन को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया. दोनों नेताओं ने चाय पर अनौपचारिक बातचीत भी की. 2024 में हुई रक्षा-संधि के बाद रूस और उत्तर कोरिया के रिश्ते अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं. माना जाता है कि उत्तर कोरिया ने रूस-यूक्रेन युद्ध में अपने सैनिक भेजे हैं, जिनमें से लगभग 2,000 की मौत हो चुकी है.

किम की पहली चीन यात्रा

महामारी के बाद किम की यह पहली चीन यात्रा थी, जहां उन्हें पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित 20 से अधिक देशों के नेताओं से मिलने का अवसर मिला. यह मुलाकात वैश्विक कूटनीति में उत्तर कोरिया की बढ़ती सक्रियता को दर्शाती है.