Gaza: गाज़ा पट्टी में जारी संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति प्रयासों के बीच आतंकवादी संगठन हमास ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह अपने हथियार नहीं छोड़ेगा और गाज़ा की सुरक्षा व्यवस्था उसी के नियंत्रण में रहेगी. हमास के इस रुख से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्य पूर्व शांति योजना को गहरा झटका लगा है.
दरअसल, अमेरिका युद्धविराम के बाद गाज़ा में एक स्थायी शांति ढांचा तैयार करने की कोशिश में है. इस पहल के पहले चरण में हमास और इज़राइल के बीच बंधकों तथा कैदियों की रिहाई पर समझौता हुआ था, जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. लेकिन हमास के हालिया बयान ने संकेत दिया है कि आगे के चरणों में यह पहल गंभीर अड़चनों का सामना कर सकती है.
एक स्वतंत्र राज्य
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में हमास के वरिष्ठ नेता मोहम्मद नज्जाल ने कहा कि संगठन गाज़ा की सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में ही रखेगा और फिलहाल किसी भी तरह के निरस्त्रीकरण (disarmament) पर विचार नहीं किया जाएगा. नज्जाल के मुताबिक, “जब तक फिलिस्तीनियों को एक स्वतंत्र राज्य का ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक सुरक्षा का नियंत्रण हमारे पास रहना ज़रूरी है.”
उन्होंने आगे कहा कि हमास पाँच साल तक के युद्धविराम (ceasefire) के लिए तैयार है ताकि गाज़ा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सके, लेकिन हथियार छोड़ना किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होगा. इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह स्पष्ट संकेत गया है कि हमास अब भी अपनी सैन्य और राजनीतिक ताकत को बरकरार रखना चाहता है, चाहे अमेरिका और अन्य देशों का दबाव कितना भी बढ़ जाए.
सबसे कठिन दौर से गुजर रही
ट्रंप प्रशासन की शांति योजना में गाज़ा को हथियार-मुक्त क्षेत्र (demilitarized zone) बनाने की बात शामिल है. इस योजना का उद्देश्य इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच स्थायी सुलह की नींव रखना है, ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित हो सके. लेकिन हमास के ताज़ा बयान से यह संभावना कमजोर पड़ती दिख रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब तक हमास गाज़ा की सुरक्षा और प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथ में रखता है, तब तक किसी भी प्रकार की स्थायी शांति स्थापित करना बेहद मुश्किल होगा. विश्लेषकों का यह भी मानना है कि ट्रंप की 20 प्वाइंट शांति योजना अब अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है.
कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि हमास की यह जिद इस बात का संकेत है कि संगठन अभी भी इज़राइल के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलन को जीवित रखना चाहता है. वहीं, अमेरिका का मानना है कि गाज़ा में स्थायी शांति के लिए हथियारों का त्याग और बाहरी निगरानी आवश्यक है.
कुल मिलाकर, हमास का यह रुख गाज़ा में स्थायी समाधान की दिशा में एक बड़ी चुनौती बन गया है. आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप प्रशासन इस गतिरोध को तोड़ने के लिए क्या नई रणनीति अपनाता है.