Houthi rebels: रविवार दोपहर यमन की राजधानी सना में इजराइली हवाई हमलों ने तेज विस्फोटों के साथ पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया. एक सुरक्षा सूत्र ने पुष्टि की कि इजराइल ने सना में कई ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें राष्ट्रपति भवन और मिसाइल ठिकानों के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं.
इसके अलावा, बंदरगाह शहर होदेइदाह में भी इसी तरह के हमले किए गए. सूत्रों के अनुसार, मध्य सना में एक नगर पालिका भवन पर हुए हमले में कई लोग हताहत हुए हैं. इन हमलों ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या इजराइल का अगला निशाना ईरान होगा?
हूतियों के हमलों का जवाब
इजराइली वायु सेना ने बताया कि यह हमला शुक्रवार को हूती विद्रोहियों द्वारा इजराइल की ओर दागी गई मिसाइल के जवाब में किया गया. प्रारंभिक जांच में पता चला कि हूतियों ने क्लस्टर वारहेड युक्त मिसाइल का इस्तेमाल किया, जो इस संघर्ष में पहली बार इस तरह के हथियार के उपयोग का संकेत देता है.
7 अक्टूबर, 2023 को गाजा में इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से, हूती विद्रोही फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजराइल पर बार-बार मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं. हालांकि, इनमें से अधिकांश हमलों को इजराइली रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया, लेकिन इसके जवाब में यमन में हूती ठिकानों पर इजराइली हमले तेज हो गए हैं.
लाल सागर में हूती हमलों का प्रभाव
पिछले दो वर्षों में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में नौवहन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जो वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है और प्रतिवर्ष लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर के माल का परिवहन करता है. नवंबर 2023 से दिसंबर 2024 के बीच, हूतियों ने मिसाइलों और ड्रोनों के जरिए 100 से अधिक जहाजों को निशाना बनाया.
युद्धविराम के दौरान ये हमले कुछ समय के लिए रुके, लेकिन बाद में फिर शुरू हो गए. मई 2025 में, अमेरिका ने हूतियों के साथ एक समझौता किया, जिसमें जहाजों पर हमले रोकने के बदले हवाई हमले बंद करने की बात कही गई.
हालांकि, हूतियों ने स्पष्ट किया कि यह समझौता उन्हें इजराइल से जुड़े ठिकानों पर हमला करने से नहीं रोकता.
क्षेत्रीय तनाव और भविष्य की आशंकाएं
गाजा, लेबनान, सीरिया के बाद अब यमन पर इजराइली हमले ने मध्य पूर्व में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल का यह कदम सितंबर में फिलिस्तीन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने की पश्चिमी देशों की घोषणाओं को रोकने की रणनीति हो सकती है.
विश्लेषकों का कहना है कि इजराइल, फिलिस्तीन को वैश्विक मान्यता से रोकने के लिए ईरान के साथ बड़े संघर्ष की ओर बढ़ सकता है. इस बीच, यमन में हूती विद्रोहियों के बढ़ते प्रभाव और उनके हमलों ने क्षेत्रीय स्थिरता को और अधिक जटिल बना दिया है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय
इजराइल के यमन पर ताजा हमलों ने मध्य पूर्व में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और गंभीर बना दिया है. हूती विद्रोहियों के साथ चल रहा यह टकराव न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है, बल्कि विश्व व्यापार और नौवहन पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस बढ़ते संघर्ष पर नजर रखे हुए है, क्योंकि इसके परिणाम पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं.