ईरान का 400 किलो यूरेनियम गायब, परमाणु हथियारों का खतरा बरकरार, अमेरिका-इजरायल चिंतित

ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चली तीव्र जंग के बाद 24 जून 2025 को दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की. इस दौरान ईरान की प्रमुख परमाणु साइट्स नतांज, फोर्डो, और इस्फहान पर इजरायल और अमेरिका ने भारी बमबारी की.

Date Updated
फॉलो करें:

Nuclear Weapons In Iran: ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चली तीव्र जंग के बाद 24 जून 2025 को दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की. इस दौरान ईरान की प्रमुख परमाणु साइट्स नतांज, फोर्डो, और इस्फहान पर इजरायल और अमेरिका ने भारी बमबारी की. लेकिन, एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ईरान का 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम रहस्यमयी ढंग से गायब है, जिससे 10 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं.

यूरेनियम का गायब होना

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एबीसी न्यूज को बताया कि 400 किलो यूरेनियम का कोई हिसाब नहीं है. यह यूरेनियम 60% तक संवर्धित है और विशेषज्ञों का मानना है कि इसे 90% शुद्धता तक ले जाकर परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं. सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्डो साइट के बाहर 16 ट्रक दिखे, जो हमलों के बाद गायब हो गए.

हमलों का प्रभाव

फोर्डो, नतांज, और इस्फहान पर अमेरिकी बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स और टॉमहॉक मिसाइलों ने हमले किए. फोर्डो, जो पहाड़ों के 300 फीट नीचे बना है, को अति सुरक्षित माना जाता है. फिर भी, सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि इन साइट्स को नुकसान हुआ, लेकिन यूरेनियम का भंडार गायब है. अमेरिका और इजरायल को शक है कि यह इस्फहान की किसी गुप्त भूमिगत सुविधा में छिपाया गया है.

IAEA की चेतावनी

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि हमलों से एक सप्ताह पहले यूरेनियम भंडार देखा गया था. उन्होंने तत्काल निरीक्षण की मांग की, चेतावनी देते हुए कहा कि सैन्य तनाव कूटनीतिक समाधानों को कमजोर कर रहा है. यह रहस्यमयी यूरेनियम वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है. ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन यह घटना इजरायल और अमेरिका की चिंताओं को और गहरा रही है.