F-16 fighter jet: पोलैंड में हाल ही में हुए एक हवाई प्रदर्शन के रिहर्सल के दौरान पोलिश वायुसेना का F-16 फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसमे एक पायलट की जान चली गई, जिसने अमेरिका के इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान की विश्वसनीयता पर फिर से सवाल खड़े कर दिए.
यह विमान जिसे पाकिस्तान सहित दुनिया के कई देशों ने अपनी वायुसेना में शामिल किया है, अपनी ताकत और तकनीकी क्षमताओं के लिए जाना जाता है. आइए, इस विमान की विशेषताओं, इसके खतरे और हाल के हादसों पर नजर डालते हैं.
फाइटिंग फाल्कन की ताकत
F-16, जिसे 'फाइटिंग फाल्कन' के नाम से जाना जाता है, अमेरिका का सिंगल-इंजन, सुपरसोनिक, मल्टीरोल फाइटर जेट है. 1970 के दशक में जनरल डायनामिक्स (अब लॉकहीड मार्टिन) द्वारा विकसित, यह विमान अपनी गति, हल्के डिज़ाइन और उन्नत तकनीक के लिए प्रसिद्ध है. इसकी अधिकतम गति मैक 2 (लगभग 2400 किमी/घंटा) है, और यह खराब मौसम में भी प्रभावी ढंग से कार्य कर सकता है.
इसका रडार सिस्टम 84 किमी की दूरी तक 20 लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक करने में सक्षम है. 7700 किलोग्राम हथियार ले जाने की क्षमता इसे मिराज 2000 से बेहतर, लेकिन राफेल से कम शक्तिशाली बनाती है. 4.5 जेनरेशन का यह विमान दुनिया की 25 से अधिक वायुसेनाओं का हिस्सा है.
Polish F16 aircraft
— Dr MJ Augustine Vinod 🇮🇳 (@mjavinod) August 28, 2025
Crashed during low level aerobatics practice
Pilot passed away in the crash
PS
Can’t understand why people use such under powered aircraft for aerobatics, even with full after burners it slammed the ground pic.twitter.com/OkUWAynMdY
F-16 के क्रैश
पिछले कुछ वर्षों में F-16 के कई हादसे सामने आए हैं, जिसने इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. फरवरी 2025 में भी यही स्थिति देखने को मिली, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई.
मई 2025 में रूसी हमले में यह विमान नष्ट हो गया. इसके अलावा, न्यू मैक्सिको, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में भी F-16 के हादसे दर्ज किए गए हैं. एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के अनुसार, 1974 से अब तक 4500 से अधिक F-16 बनाए गए, जिनमें से 748 से ज्यादा क्रैश हो चुके हैं.
पाकिस्तान और F-16 का कनेक्शन
हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने एक F-16 को मार गिराया था, जिसने इस विमान की अजेय छवि को चुनौती दी.
F-16 फाइटर जेट अपनी उन्नत तकनीक और युद्धक क्षमताओं के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल के हादसों ने इसके डिज़ाइन और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. पोलैंड एयरशो हादसा इसकी ताकत और जोखिमों का एक और उदाहरण है.