India-US tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि भारत को 1 अगस्त 2025 से 25% आयात शुल्क (टैरिफ) का सामना करना पड़ेगा. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर भारत को "दोस्त" बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार अपेक्षाकृत कम रहा है. इस फैसले ने भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं.
भारत पर क्यों सख्ती?
ट्रंप ने कहा कि भारत के गैर-मौद्रिक व्यापारिक अवरोधों को "कठिन और अस्वीकार्य" करार दिया. ट्रंप के अनुसार, भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन बढ़ा.
उन्होंने 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अमेरिका ने भारत से 87.4 अरब डॉलर का आयात किया, जबकि भारत ने केवल 41.8 अरब डॉलर का सामान अमेरिका से खरीदा. यह व्यापार घाटा अमेरिका के लिए चिंता का विषय है.
रूस से खरीदारी पर सवाल
ट्रंप ने भारत की रूस से सैन्य उपकरणों और ऊर्जा खरीद पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत रूस का सबसे बड़ा ऊर्जा खरीदार है, जबकि वैश्विक समुदाय यूक्रेन में रूस के युद्ध को रोकना चाहता है. इस वजह से भारत पर अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क भी लगाया जाएगा.
भारत पर क्या होगा असर?
1 अगस्त से लागू होने वाला 25% टैरिफ भारतीय निर्यातकों, खासकर दवा, कपड़ा, और ऑटोमोबाइल सेक्टर को प्रभावित कर सकता है. इससे भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो सकते हैं, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो सकती है.
भारत सरकार ने इस पर सकारात्मक बातचीत की उम्मीद जताई है, लेकिन समयसीमा नजदीक होने से चुनौतियां बढ़ गई हैं. 25 अगस्त को नई दिल्ली में अगले दौर की वार्ता प्रस्तावित है. क्या भारत इस टैरिफ से बच पाएगा? यह समय बताएगा.