Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में छिड़े संघर्ष में ब्रह्मोस मिसाइल ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस स्वदेशी मिसाइल ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर भारत की सैन्य शक्ति का परचम लहराया. अब भारतीय वायु सेना (IAF) और नौसेना इस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के लिए बड़े पैमाने पर ऑर्डर दे रही हैं, जिससे भारत की रक्षा क्षमता और आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयां मिलेंगी.
ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की अहम भूमिका
7 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निहत्थे लोगों की जान गई थी. इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. चार दिन तक चले इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों और सैन्य अड्डों को निशाना बनाया.
इस दौरान मिसाइल की सटीकता और विनाशकारी शक्ति ने पाकिस्तानी हवाई अड्डों और सैन्य छावनियों को भारी नुकसान पहुंचाया. 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम होने तक ब्रह्मोस ने भारत की रणनीतिक श्रेष्ठता को साबित किया.
IAF और नौसेना के लिए बड़े ऑर्डर
ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने इसे और अधिक संख्या में शामिल करने का फैसला किया है. सूत्रों के अनुसार, भारतीय नौसेना अपने वीर श्रेणी के युद्धपोतों को ब्रह्मोस से लैस करने के लिए बड़े ऑर्डर दे रही है.
वहीं, भारतीय वायु सेना अपने सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू जेट्स के लिए ब्रह्मोस के हवाई संस्करण की खरीद करेगी. इसके अतिरिक्त, जमीनी संस्करण भी जल्द ही सेना के बेड़े में शामिल होंगे. यह कदम भारत की त्रि-सेना (थल, जल, वायु) की मारक क्षमता को और मजबूत करेगा.
स्वदेशी हथियारों की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ब्रह्मोस को भारत के सैन्य आत्मविश्वास का प्रतीक बताया.
इस मिसाइल की सटीकता और शक्ति ने न केवल दुश्मनों को सबक सिखाया, बल्कि भारत के रक्षा उद्योग को वैश्विक मंच पर स्थापित किया. ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता ने भारत को अपनी रक्षा रणनीति को और मजबूत करने का अवसर दिया है. इसके नए संस्करण और उन्नत तकनीकों के साथ, भारत न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी सैन्य ताकत को और सशक्त करेगा.