Bangladesh army on yunus corridor: इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी के बीच बांग्लादेश की सेना ने कुछ नया किया है. बांग्लादेश की सेना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस द्वारा प्रस्तावित कॉरिडोर का भविष्य लगभग तय कर दिया है. बांग्लादेश की सेना ने म्यांमार के हिंसा प्रभावित रखाइन प्रांत को बांग्लादेश से जोड़ने से इनकार कर दिया है. इस मामले में बांग्लादेश की सेना ने कहा कि हम ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं हैं जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो.
इस कॉरिडोर को बांग्लादेश आर्मी के चीफ जनरल वकार उज जमा ने Bloody corridor का नाम दिया था. इस बयान के बाद आर्मी के चीफ जनरल ने इस प्रोजेक्ट को खत्म करने का आदेश भी दिया था. अब इस बयान के बाद बांग्लादेश की सेना इस मामले में कोई समझौता नहीं करेगी.
आखिर क्या है म्यांमार गलियारा?
बांग्लादेश से म्यांमार तक प्रस्तावित इस राखीन कॉरिडोर का उद्देश्य केवल राखीन राज्य को मानवीय सहायता पहुंचाना है. इस क्षेत्र में 20 लाख से ज़्यादा लोग गृहयुद्ध और भूकंप की वजह से पीड़ित हैं. यहां खाने की भी कमी है. यहां के लोगों को दो वक्त का खाना भी मिलना मुश्किल है.
पिछले कई सालों से इस इलाके में उथल-पुथल मची हुई है. यहां लोगों को अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं. रोहिंग्या समुदाय के लाखों लोग इस इलाके से पलायन कर चुके हैं. जिसकी वजह से इन लाखों लोगों में उथल-पुथल का माहौल है. इस मामले ने बांग्लादेश के सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है.
उन्हें डर है कि अराकान आर्मी और म्यांमार आर्मी के बीच संघर्ष इतना बढ़ सकता है कि यह बांग्लादेश तक फैल जाए. पिछले कुछ महीनों में अराकान आर्मी ने बांग्लादेश सीमा के पास टेकनाफ जैसे इलाकों पर कब्जा कर लिया है. इसकी वजह से इस इलाके में तनाव बढ़ रहा है.