Azerbaijan-Pakistan support: भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन कर अजरबैजान ने ऐसी गलती की है, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है. अजरबैजान के राजनीतिक विशेषज्ञ फहाद माम्मादोव के हालिया बयानों में भारत के प्रति डर और बौखलाहट साफ झलक रही है. उन्होंने दावा किया कि भारत अपनी कूटनीतिक ताकत बढ़ाकर पाकिस्तान और उसके सहयोगी देशों पर दबाव बना रहा है. आइए, इस मामले की गहराई में उतरकर समझें कि अजरबैजान की चिंता का कारण क्या है.
कार्रवाई से हिल गया पाकिस्तान
7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कार्रवाई ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया, जिसके बाद उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर असफल हमले की कोशिश की. इस दौरान तुर्किए और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया, जिससे भारत में इन देशों के प्रति गुस्सा भड़क उठा.
भारत पर उल्टा आरोप
फहाद माम्मादोव ने भारत पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान के सहयोगी देशों को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, “भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए अपनी कूटनीतिक ताकत बढ़ा रहा है. उसे क्षेत्रीय और प्रतीकात्मक जीत चाहिए, लेकिन वह हमारे जैसे देशों को दोषी ठहराने में सफल नहीं होगा.” यह बयान उनकी घबराहट को दर्शाता है.
भारत-अजरबैजान व्यापार पर क्या बोले?
माम्मादोव ने दावा किया कि भारत और अजरबैजान के बीच 1 बिलियन डॉलर का व्यापार, खासकर तेल निर्यात, होता है. उन्होंने कहा कि अगर भारत तेल खरीदना बंद करता है, तो अजरबैजान की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वह अपने निर्यात को अन्य देशों की ओर मोड़ सकता है. भारत और अर्मेनिया के बीच बढ़ती नजदीकियां, खासकर 720 मिलियन डॉलर के हथियार सौदे, ने अजरबैजान को बेचैन कर दिया है.