Shashi Tharoor & Bilawal Bhutto: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग से दक्षिण एशिया में आतंकवाद को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
जो वर्तमान में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर हैं, मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शशि थरूर के नेतृत्व में भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी अमेरिकी सांसदों, प्रशासन और नीति निर्माताओं से मिलने के लिए वाशिंगटन डीसी पहुंचा है.
बिलावल का खुफिया सहयोग
पाकिस्तान के हालिया संघर्ष और भारत के साथ तनाव के बाद, बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र में संवाददाताओं से कहा, "मुझे पूर्ण विश्वास है कि अगर आईएसआई और रॉ एक साथ बैठकर आतंकवाद के खिलाफ काम करें, तो भारत और पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आएगी."
उन्होंने वैश्विक समुदाय से दक्षिण एशिया में सक्रिय रहने की अपील की और चेतावनी दी कि परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष का खतरा कम नहीं हुआ है. बिलावल ने हाल ही में हुए संघर्षविराम का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व वाली टीम को दिया.
उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मध्यस्थता, विशेष रूप से अमेरिका की भूमिका, ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम स्थापित करने में मदद की. यह एक स्वागत योग्य पहल है, लेकिन यह केवल पहला कदम है."
बिलावल की अमेरिका यात्रा
बिलावल के नेतृत्व वाला नौ सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल, जिसमें पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार, पूर्व सूचना मंत्री शेरी रहमान और पूर्व रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान शामिल हैं, भी वाशिंगटन में अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों और सांसदों से मुलाकात करेगा. यह प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क और वाशिंगटन के बाद लंदन और ब्रसेल्स की यात्रा करेगा.
भारत आतंकवाद के खिलाफ
थरूर के नेतृत्व वाला भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में ट्रम्प प्रशासन, प्रभावशाली संसदीय समितियों और प्रमुख अमेरिकी सांसदों के साथ मुलाकात करेगा. यह दल भारत की ऑपरेशन सिंदूर पहल के तहत आतंकवाद और дезинформация के खिलाफ अपनी नीति को रेखांकित करेगा. भारत ने स्पष्ट किया है कि हालिया युद्धविराम दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सीधी बातचीत का परिणाम था, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का.
बिलावल भुट्टो का भारत-पाक खुफिया सहयोग का प्रस्ताव और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों का वाशिंगटन में आमना-सामना दक्षिण एशिया की जटिल भू-राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है. दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.