मान सरकार ने जोड़ा शिक्षा में नया अध्याय! अब स्कूलों में डिग्री के साथ मिलेगा ‘कमाई का हुनर’, विद्यार्थी बनेंगे आत्मनिर्भरता की मिसाल

जब कोई सरकार यह निश्चय कर ले कि “हम अपने बच्चों को केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि उन्हें जीवन जीना सिखाएँगे,” तो शिक्षा केवल किताबों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं रहती , वह एक क्रांति का रूप ले लेती है. पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में वही शिक्षा क्रांति अब हकीकत बन चुकी है.

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चंडीगढ़: जब कोई सरकार यह निश्चय कर ले कि हम अपने बच्चों को केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि उन्हें जीवन जीना सिखाएंगे, तो शिक्षा केवल किताबों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं रहती , वह एक क्रांति का रूप ले लेती है. पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में वही शिक्षा क्रांति अब हकीकत बन चुकी है. मान सरकार ने शिक्षा को रोजगार और आत्मनिर्भरता से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है.

Punjab School Education Board (PSEB) ने Lend A Hand India (LAHI) संस्था के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता न केवल दो संस्थाओं के बीच हुआ अनुबंध है, बल्कि लाखों विद्यार्थियों के सपनों, संभावनाओं और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक मजबूत सेतु है. इस पहल से पंजाब के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी अब केवल “12वीं पास” नहीं होंगे, बल्कि “12वीं + कौशल प्रमाणित” (Skill Certified) युवा के रूप में निकलेंगे , जो न केवल शिक्षित होंगे, बल्कि रोजगार योग्य और आत्मनिर्भर भी.

शिक्षा से रोजगार तक का पुल

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस अवसर पर कहा, “हमारा उद्देश्य यह नहीं कि बच्चे सिर्फ परीक्षा पास करें, बल्कि यह है कि वे जीवन में सफल हों. पंजाब का हर बच्चा आत्मविश्वासी, कुशल और आत्मनिर्भर बने , यही हमारी शिक्षा नीति का मूल लक्ष्य है.”

यह MoU इसी सोच का हिस्सा है जिसमें शिक्षा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि उसे जीवन की वास्तविक आवश्यकताओं से जोड़ा जा रहा है. अब राज्य के स्कूलों में छात्रों को पारंपरिक अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक और तकनीकी कौशल (Vocational Skills) की भी शिक्षा दी जाएगी.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि, ऑटोमोबाइल, रिटेल, टेलरिंग, कंप्यूटर, उद्यमिता (Entrepreneurship) और अन्य कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए LAHI संस्था शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देगी, स्कूलों में आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराएगी और विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप व प्रैक्टिकल लर्निंग के अवसर भी सुनिश्चित करेगी.

पढ़ाई के साथ कमाई का हुनर

अब पंजाब के विद्यार्थी केवल किताबों के सहारे नहीं, बल्कि अपने कौशल और व्यावहारिक ज्ञान के दम पर आगे बढ़ेंगे. इस योजना के लागू होने के बाद हर छात्र को स्कूल शिक्षा के साथ दो प्रमाणपत्र मिलेंगे ,

  • अकादमिक प्रमाणपत्र (Academic Certificate)
  • व्यावसायिक प्रमाणपत्र (Vocational Certificate)

यह मॉडल विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर नागरिक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. इससे उन्हें आगे चलकर न केवल नौकरी पाने में सुविधा होगी, बल्कि स्वयं का व्यवसाय शुरू करने का आत्मविश्वास भी मिलेगा.

यह पहल “हर हाथ में हुनर, हर चेहरे पर आत्मविश्वास” के विचार को मूर्त रूप देती है. पंजाब सरकार का मानना है कि यदि शिक्षा को रोज़गार से जोड़ा जाए, तो बेरोज़गारी की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है.

LAHI और PSEB का ऐतिहासिक सहयोग

Lend A Hand India (LAHI) एक प्रसिद्ध संस्था है जो भारत के कई राज्यों में स्कूलों में कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. अब पंजाब में यह संस्था राज्य सरकार के साथ मिलकर विद्यार्थियों के भविष्य को नई दिशा देगी.

इस साझेदारी के तहत राज्यभर के स्कूलों में आधुनिक तकनीक आधारित स्किल लैब्स, वर्कशॉप्स और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इससे छात्रों को “सीखते हुए कमाने” (Learning by Doing) का अवसर मिलेगा.

LAHI के विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे ताकि वे व्यावहारिक शिक्षा को छात्रों तक बेहतर ढंग से पहुँचा सकें. इसके साथ ही स्कूलों में उद्योग जगत से जुड़ी परियोजनाएँ भी शुरू की जाएँगी, जिससे विद्यार्थियों को वास्तविक कार्य अनुभव (real-world exposure) मिल सके.

मान सरकार की दूरदर्शी शिक्षा नीति

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार लगातार शिक्षा में नवाचार कर रही है. हाल ही में सरकार ने “स्कूल ऑफ एमिनेंस” योजना, डिजिटल शिक्षा मिशन, और शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाने जैसे कई सुधार लागू किए हैं.

यह नया समझौता इन्हीं सुधारों की श्रृंखला में एक और मील का पत्थर है. यह नीति इस विश्वास पर आधारित है कि “हर बच्चा पढ़ेगा, सीखेगा, और अपने दम पर आगे बढ़ेगा.”

मान सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में पंजाब के हर सरकारी स्कूल में कौशल शिक्षा को अनिवार्य किया जाए ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा पूरी करने के बाद बेरोज़गार न रहे.

भविष्य की दिशा में बड़ा कदम

इस पहल के ज़रिए पंजाब के स्कूलों से ऐसी पीढ़ी निकलेगी जो केवल शिक्षित नहीं, बल्कि कुशल, सशक्त और आत्मनिर्भर होगी. यह पहल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी, क्योंकि कौशलयुक्त युवा न केवल नौकरी तलाशेंगे, बल्कि नए रोजगार भी सृजित करेंगे.

यह समझौता पंजाब सरकार और जनता के बीच भरोसे का प्रतीक है , एक ऐसा भरोसा जो यह संदेश देता है कि शिक्षा केवल डिग्री पाने का साधन नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन जीने की कुंजी है.

मुख्यमंत्री मान ने कहा, “हम चाहते हैं कि पंजाब का हर विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करने की क्षमता रखे. यह पहल उसी दिशा में एक ठोस कदम है , जहाँ हर हाथ में हुनर होगा, और हर चेहरे पर आत्मविश्वास.”

रोजगार, सम्मान और आत्मनिर्भरता

पंजाब में यह नई शिक्षा पहल सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत है. यह उस भविष्य की नींव रख रही है जहां शिक्षा केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि रोजगार, सम्मान और आत्मनिर्भरता की राह बनाती है.

अब पंजाब के स्कूलों में बच्चे किताबों के साथ जीवन की सीख भी पाएँगे. वे केवल परीक्षाओं में नहीं, बल्कि जीवन की हर चुनौती में सफल होंगे. यह है “मान सरकार का पंजाब”, जहाँ शिक्षा और हुनर साथ-साथ चलते हैं, और हर विद्यार्थी अपने भविष्य का निर्माता बनता है.