Punjab Free Seed Scheme: पंजाब में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने राज्य के किसानों और आम जनता की ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस संकट के बीच किसानों के लिए ₹74 करोड़ का राहत पैकेज और मुफ्त बीज योजना की घोषणा की है. यह कदम केवल मदद नहीं, बल्कि किसानों को दुबारा खड़ा करने और उनके खेतों में नई उम्मीद बोने का प्रयास है.
मुख्यमंत्री मान का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा, "इस मुश्किल दौर में हमारी सरकार किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. पंजाब के मेहनती किसानों ने देश को अनाज में आत्मनिर्भर बनाया है, अब उनकी मेहनत को नया सहारा देने के लिए यह पहल की जा रही है."
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर भी पोस्ट किया कि बाढ़ की वजह से लगभग 5 लाख एकड़ फसलें चौपट हो गई हैं और किसानों के पास बीज खरीदने की क्षमता नहीं है. इसलिए सरकार ने उन्हें मुफ्त बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है ताकि वे रबी सीजन में खेती फिर से शुरू कर सकें और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें.
बाढ़ का व्यापक प्रभाव
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बाढ़ से 2,300 से अधिक गाँव प्रभावित हुए और करीब 20 लाख लोग प्रभावित हुए. दुखद रूप से 56 लोगों की मौत हुई और लगभग 7 लाख लोग बेघर हो गए.
साथ ही बाढ़ ने 3,200 स्कूल, 19 कॉलेज, 1,400 क्लिनिक और अस्पतालों को नुकसान पहुंचाया. 8,500 किलोमीटर सड़कें टूट गईं और 2,500 पुल बह गए. कुल आर्थिक नुकसान का अनुमान लगभग ₹13,800 करोड़ लगाया गया है, हालांकि असली आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है.
मुफ्त बीज योजना: किसानों के लिए नई शुरुआत
मान सरकार का यह ₹74 करोड़ का राहत पैकेज और मुफ्त बीज योजना किसानों के लिए सिर्फ आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह भरोसा और समर्थन भी है कि संकट की स्थिति में सरकार हमेशा उनके साथ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब खेतों में पानी और बर्बादी के निशान हैं, तब यह मुफ्त बीज योजना किसानों के लिए नई उम्मीद, नई फसल और नई मुस्कान लेकर आएगी. यह योजना पंजाब की असली ताकत यानी किसानों की खुशहाली पर केंद्रित है.
सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री मान ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य केवल राहत देना नहीं है, बल्कि किसानों को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना है. यह पहल यह साबित करती है कि पंजाब सरकार की प्राथमिकता किसानों की सुरक्षा और विकास है. इस योजना से किसान जल्द ही अपने खेतों में नई फसल बो सकेंगे और रबी सीजन की शुरुआत नए उत्साह और आत्मनिर्भरता के साथ करेंगे.