मान सरकार की पहल से किसानों में खुशी की लहर, दशकों बाद खेतों में पहुंचा नहरी पानी

पंजाब के किसानों के लिए आज का दिन किसी नए युग की शुरुआत जैसा है. यह बदलाव किसी बड़े घोषणापत्र से नहीं, बल्कि ज़मीनी काम और ठोस योजनाओं से आया है, जिसने सूबे की सिंचाई व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है.

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पंजाब के किसानों के लिए आज का दिन किसी नए युग की शुरुआत जैसा है. यह बदलाव किसी बड़े घोषणापत्र से नहीं, बल्कि ज़मीनी काम और ठोस योजनाओं से आया है, जिसने सूबे की सिंचाई व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की दूरदर्शी पहल के तहत अब पंजाब के लगभग सभी खेतों तक नहर का पानी पहुंचने लगा है, जो दशकों से किसानों का अधूरा सपना रहा.

एकीकृत प्रांतीय जल योजना का नतीजा 

पहले पंजाब में केवल 68% खेतों तक ही नहरी पानी पहुंच पाता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 84% तक पहुंच गई है. यह सफलता 'एकीकृत प्रांतीय जल योजना' के तहत लागू 14-सूत्री कार्यक्रम का नतीजा है. इस योजना में 15,914 जल मार्गों को बहाल किया गया है और 916 नहरों व मिनर्स में पानी का प्रवाह फिर से शुरू किया गया है, जिससे राज्य के दूर-दराज़ इलाकों तक भी सिंचाई का पानी पहुंचने लगा है.

इस पहल की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं भूमिगत पाइपलाइनें. सरकार ने पानी की बर्बादी रोकने और इसे सीधे खेतों तक पहुंचाने के लिए 2,400 किलोमीटर लंबी पाइपलाइनें बिछाई हैं, जिससे 30,282 हेक्टेयर भूमि को नई सिंचाई सुविधा मिली है. इससे किसान अब सीधे नहर के पानी से अपने खेतों को सींच सकते हैं और फसल उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

आनंदपुर साहिब हल्के के किसानों में खुशी

श्री आनंदपुर साहिब हल्के के किसानों की खुशी इसका जीवंत उदाहरण है. जब उन्होंने पहली बार अपने खेतों में पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचते देखा, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. यह पानी उनके लिए केवल सिंचाई का साधन नहीं, बल्कि 35-40 साल से सूखे पड़े इलाके में जीवन की उम्मीद बनकर आया. किसानों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और स्थानीय विधायक हरजोत सिंह बैंस का हृदय से धन्यवाद किया.

मान सरकार केवल पानी पहुंचाने तक सीमित नहीं रही. जल संरक्षण और आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं. पंजाब में भूमिगत जल संकट को देखते हुए 28 परियोजनाओं के तहत प्रतिदिन 300 मिलियन लीटर ट्रीटेड पानी खेतों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा, ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणालियों के लिए किसानों को समूह स्तर पर 90% और व्यक्तिगत स्तर पर 50% तक सब्सिडी दी जा रही है. कंडी क्षेत्र में 160 जल संचयन संरचनाएं और 125 गांवों में सोलर-लिफ्ट सिंचाई योजनाएं भी शुरू की गई हैं.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं कि यह केवल जल प्रबंधन नहीं, बल्कि “हर खेत तक पानी पहुंचाने का विज़न” है. उनकी नीतियों ने पंजाब को सिंचाई और टिकाऊ कृषि के मॉडल राज्य के रूप में स्थापित किया है, जिससे किसान अब अधिक उपज और बेहतर जीवन की उम्मीद कर सकते हैं.