पंजाब: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने राज्य को नशामुक्त बनाने के अपने संकल्प को नया आयाम दिया है. युद्ध नशेयां विरुद्ध अभियान के तहत आम आदमी पार्टी सरकार ने नशे के कारोबार और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश है कि अब कोई भी राजनीतिक दबाव या ताकत नशे के धंधे में लिप्त लोगों को बचा नहीं सकेगी.
तरनतारन में आयोजित एक बड़े रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री मान ने पूर्ववर्ती अकाली दल और कांग्रेस सरकारों पर तीखे हमले किए. उन्होंने कहा कि इन दलों ने मिलकर पंजाब को बर्बाद किया, युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेला और राज्य के विकास को रोक दिया. उन्होंने अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल के उस बयान पर तंज कसा, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके शासन में किसी ने चिट्टा शब्द नहीं सुना था. भगवंत मान ने कहा कि वह सही कहती हैं, क्योंकि उस समय इसे मजीठिया पुड़ी और मजीठिया टीका कहा जाता था.
मुख्यमंत्री मान ने आरोप लगाया कि अकाली और कांग्रेस नेताओं ने मिलकर नशे का नेटवर्क खड़ा किया और जनता की कमाई लूटी. उन्होंने कहा कि अब वे लोग जो इस बर्बादी के जिम्मेदार हैं, पंजाब को बचाने की बात न करें, बल्कि कानूनी सज़ा के लिए तैयार रहें.
सरकार ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर की गई कार्रवाई के ज़रिए यह साबित कर दिया है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने मजीठिया को ₹540 करोड़ से अधिक की कथित ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. साथ ही उन पर आय से 1200% अधिक संपत्ति रखने का आरोप है, जो एक ₹700 करोड़ के ड्रग नेटवर्क से जुड़ा बताया गया है. पंजाब कैबिनेट की सिफारिश पर राज्यपाल ने भी उनके खिलाफ मुकदमे की अनुमति दे दी है.
मुख्यमंत्री मान ने दोहराया कि वह नशाखोरी के मामलों में किसी के साथ नरमी नहीं बरतेंगे. उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के युवाओं के प्रति जवाबदेह हूं. जिन्होंने उनके भविष्य से खिलवाड़ किया, उन्हें सख्त सज़ा मिलेगी. इस अभियान के ज़रिए आप सरकार यह संदेश देना चाहती है कि यह लड़ाई आप बनाम नशे का तंत्र है. भगवंत मान सरकार का दावा है कि जिन वादों को पिछली सरकारें सिर्फ भाषणों तक सीमित रखती थीं, उन्हें अब जमीनी हकीकत में बदला जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि रंगला पंजाब का सपना अब साकार हो.