CBI conducts raids in Delhi-NCR builder fraud case: दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदारों के सपनों को चकनाचूर करने वाले बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अभूतपूर्व कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने 22 प्राथमिकियां (FIR) दर्ज कीं और 47 ठिकानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण सबूत जुटाए. यह कार्रवाई उन हजारों होमबायर्स की शिकायतों के बाद हुई, जो न तो अपने घर का कब्जा पा सके और न ही बैंक की EMI से राहत पा रहे थे.
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
तीन महीनों में 6 जांच पूरी होने के बाद कोर्ट ने 22 नियमित मामले दर्ज करने की अनुमति दी. कोर्ट ने पाया कि बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों की सांठगांठ ने होमबायर्स को सबवेंशन स्कीम के जाल में फंसाया, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक नुकसान हुआ.
कहां-कहां मारी गई रेड?
सीबीआई ने दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में 47 ठिकानों पर तलाशी ली. इस दौरान कई दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूत बरामद हुए. जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि यह कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है और आगे बड़े खुलासे हो सकते हैं.
सबवेंशन स्कीम का फर्जीवाड़ा
सबवेंशन स्कीम के तहत बिल्डर और बैंक मिलकर शुरूआती EMI का भुगतान करते थे, जिससे खरीदारों को यह भरोसा दिलाया जाता था कि घर का कब्जा मिलने तक उन्हें कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा. लेकिन बिल्डरों ने न तो प्रोजेक्ट पूरे किए और न ही EMI भरी, जिसका बोझ होमबायर्स पर पड़ा.
सीबीआई की जांच में शामिल बिल्डरों और प्रोजेक्ट्स की सूची जल्द सार्वजनिक हो सकती है. यह कार्रवाई होमबायर्स के लिए उम्मीद की किरण है, जो वर्षों से न्याय की आस लगाए बैठे हैं.