Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की पत्नी बिलकीस शाह की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया है. बिलकीस ने अपने खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने की मांग की है.
जस्टिस संजीव नरूला की पीठ ने ईडी को 26 सितंबर 2025 तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. इसी दिन सह-आरोपी मोहम्मद असलम वानी की याचिका पर भी सुनवाई होगी.
2021 की चार्जशीट पर उठाए सवाल
बिलकीस शाह ने 2021 में दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट को चुनौती दी है, जो 2007 से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है. याचिका में कहा गया है कि 2017 में पटियाला हाउस कोर्ट ने शब्बीर शाह और असलम वानी के खिलाफ आरोप तय किए थे, लेकिन सात साल बाद भी 33 गवाहों में से केवल चार की गवाही हो सकी है. यह देरी मामले की प्रगति पर सवाल खड़े करती है.
ईडी के आरोपों पर बिलकीस का जवाब
बिलकीस शाह के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उनकी मुवक्किल को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया, फिर भी उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.
हालांकि, याचिका में जोर दिया गया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों में बिलकीस का नाम स्पष्ट रूप से नहीं आया है, और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है.
लंबित है आरोप तय करने की प्रक्रिया
याचिका में यह भी कहा गया कि मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप तभी वैध है, जब यह साबित हो कि धन अवैध गतिविधियों से प्राप्त हुआ. बिलकीस के अनुसार, ईडी इस तथ्य को साबित नहीं कर सकी. दिसंबर 2021 से उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया लंबित है.