Agni-5 Missile: भारत अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने अग्नि-5 मिसाइल का गैर-परमाणु (नॉन-न्यूक्लियर) संस्करण विकसित करने की योजना शुरू की है.
यह मिसाइल विशेष रूप से भारतीय वायुसेना (IAF) की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है, जो दुश्मन के मजबूत ठिकानों को पलभर में नष्ट करने की क्षमता रखेगी. यह मिसाइल खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.
शक्तिशाली वारहेड के साथ अग्नि-5
नई अग्नि-5 मिसाइल में 7.5 से 8 टन वजनी वारहेड होगा, जो दो तरह से कार्य करेगा. पहला, एयरबर्स्ट मोड, जिसमें मिसाइल हवा में फटकर बड़े क्षेत्र में विनाश करेगी, जैसे कि रनवे, एयरबेस और रडार सिस्टम. इसकी 2500 किलोमीटर की रेंज इसे और घातक बनाती है.
भारतीय वायुसेना की ताकत में वृद्धि
भारतीय वायुसेना के पास अभी तक भारी बम गिराने वाला कोई बड़ा बॉम्बर नहीं है, जैसा कि अमेरिका के पास B-2 बॉम्बर और GBU-57 जैसे हथियार हैं. अग्नि-5 का यह नया संस्करण इस कमी को पूरा करेगा. यह मिसाइल दुश्मन के मिसाइल रक्षा तंत्र को चकमा देकर आसानी से लक्ष्य तक पहुंच सकती है.
अग्नि-5 की सड़क से लॉन्च करने की क्षमता इसे बेहद लचीला बनाती है. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पहले ही अपनी ताकत दिखाई थी. अब यह मिसाइल दुश्मन के बड़े ठिकानों को दूर से ही नष्ट करने की नई ताकत देगी.