Republic Day Parade 2025: उत्तर प्रदेश की झांकी में महाकुंभ की भव्यता और विरासत का चित्रण

भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी झांकियों के माध्यम से देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को प्रदर्शित किया. उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार महाकुंभ 2025 की भव्यता को प्रस्तुत किया गया, जो न केवल धार्मिक महत्त्व को दर्शाती है, बल्कि विकास और विरासत के प्रतीकात्मक संगम को भी दिखाती है.

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Courtesy: social media

Republic Day Parade 2025 : भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी झांकियों के माध्यम से देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को प्रदर्शित किया. उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार महाकुंभ 2025 की भव्यता को प्रस्तुत किया गया, जो न केवल धार्मिक महत्त्व को दर्शाती है, बल्कि विकास और विरासत के प्रतीकात्मक संगम को भी दिखाती है.

महाकुंभ और संगम का प्रतीकात्मक चित्रण  
उत्तर प्रदेश की झांकी में समुद्र मंथन, अमृत कलश और प्रयागराज में संगम तट पर संतों द्वारा स्नान करने के दृश्य प्रस्तुत किए गए. ये दृश्य महाकुंभ के महत्व को उजागर करते हैं, जो हर 12 साल में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है. झांकी में इस ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन की भव्यता और इसकी धार्मिक भावना को बहुत सुंदरता से दिखाया गया है. झांकी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास पहलों को भी प्रस्तुत किया गया है, जो 'विरासत' और 'विकास' के प्रतीक हैं.

राम मनोहर त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक ने कहा, "यह गर्व की बात है कि हमारी महान विरासत महाकुंभ को कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित किया जाएगा. यह झांकी विरासत और विकास के संगम को दर्शाती है."

'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' का थीम 
गणतंत्र दिवस परेड का मुख्य विषय "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" था, और इस थीम के तहत विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों ने अपनी झांकियों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर और समृद्धि को प्रदर्शित किया. इसमें केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा की गई पहलें, जैसे कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की झांकी, जो भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150 वर्षों का उत्सव मना रही थी, को भी विशेष रूप से दिखाया गया.

महाकुंभ की तकनीकी तैयारियां और सुरक्षा  
महाकुंभ के दौरान कुशल सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकी और डिजिटल व्यवस्थाओं पर भी ध्यान दिया गया है. झांकी में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) को भी प्रदर्शित किया गया, जो कुंभ मेले के सुचारू संचालन में अहम भूमिका निभाता है.

गणतंत्र दिवस परेड की खासियत  
गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन कर्तव्य पथ पर हुआ, जिसमें 31 झांकियों ने भाग लिया. इसके अलावा, इस वर्ष इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. परेड में 300 सांस्कृतिक कलाकारों ने वाद्य यंत्रों पर 'सारे जहां से अच्छा' गीत प्रस्तुत किया, जो देशभक्ति का संदेश था. 

गणतंत्र दिवस परेड की इस झांकी में महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हुए उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत और विकास को प्रदर्शित किया गया. यह ना केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की विविधता, एकता और विकास के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है.