Constitution Day 2025: संविधान दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक प्रेरक पत्र लिखते हुए संवैधानिक कर्तव्यों के पालन पर ज़ोर दिया और इसे मज़बूत लोकतंत्र की बुनियाद बताया. उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने अधिकारों के साथ-साथ दायित्वों को भी उतनी ही निष्ठा से निभाएं. प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से 18 वर्ष की आयु पूरी कर पहली बार मतदान करने वालों को सम्मानित करके इस दिन को मनाने का सुझाव दिया, ताकि युवा पीढ़ी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने की भावना और सुदृढ़ हो.
आर्थिक जीवन को आकार देते
अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि मतदान का अधिकार केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण की जिम्मेदारी भी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब नागरिक चुनावों में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं, तो वे देश के भविष्य की दिशा तय करते हैं. प्रधानमंत्री के अनुसार, आज लिए गए निर्णय आने वाली पीढ़ियों के सामाजिक और आर्थिक जीवन को आकार देते हैं, इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह जागरूकता के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करे.
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के इस विचार को भी दोहराया कि अधिकार, कर्तव्यों के निर्वहन से ही प्राप्त होते हैं. उन्होंने कहा कि कर्तव्यनिष्ठा न केवल व्यक्तिगत चरित्र को मजबूत करती है, बल्कि समाज की सामूहिक प्रगति को भी गति देती है. उनके मुताबिक, जब नागरिक अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखते हैं, तभी “विकसित भारत” का संकल्प साकार हो सकता है.
On Constitution Day, we pay tribute to the framers of our Constitution. Their vision and foresight continue to motivate us in our pursuit of building a Viksit Bharat.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2025
Our Constitution gives utmost importance to human dignity, equality and liberty. While it empowers us with…
नागरिकों को अधिकारों से सशक्त करता
संविधान दिवस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी दूरदृष्टि आज भी देश को सही दिशा प्रदान कर रही है. उन्होंने दोहराया कि भारतीय संविधान मानवीय गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च स्थान देता है. यह नागरिकों को अधिकारों से सशक्त करता है और साथ ही उन्हें उनके दायित्वों की याद भी दिलाता है.
प्रधानमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने आचरण और कर्मों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को जीएं और उन्हें समाज में मजबूत करें. उन्होंने कहा कि एक मजबूत लोकतंत्र केवल कानूनों से नहीं, बल्कि जागरूक नागरिकों से बनता है. संविधान दिवस 2025 पर दिया गया उनका यह संदेश स्पष्ट करता है कि लोकतंत्र की असली ताकत नागरिकों की सक्रियता, जिम्मेदारी और नैतिकता में निहित है.