PM Modi: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि संसद में अब ‘ड्रामा नहीं, डिलीवरी’ होनी चाहिए. उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे चुनावी हार की निराशा से बाहर निकलकर सकारात्मक भूमिका निभाएं और जनता से किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में constructive तरीके से काम करें. पीएम मोदी ने जोर दिया कि संसद नारेबाजी का नहीं, बल्कि नीतियों, विचारों और ठोस फैसलों का मंच होना चाहिए.
संसद जनता की उम्मीदों का स्थल
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र देश की प्रगति और विकास को गति देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. ऐसे में संसद को राजनीतिक भावनाएं निकालने का अखाड़ा न बनाकर, समाधान और नीति निर्माण का केंद्र बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र की आत्मा है, जहां जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को आवाज मिलती है.
बिहार चुनाव का हवाला देकर विपक्ष को संदेश
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बिहार विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत ने लोकतंत्र को जिया है और इसे दुनिया के सामने साबित किया है. बिहार चुनाव ने दिखा दिया कि लोकतंत्र कितनी मजबूती के साथ जड़ें जमा चुका है.” उन्होंने कहा कि विपक्ष को चुनावी हार की निराशा पीछे छोड़ते हुए अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और सदन में सार्थक चर्चा को बढ़ावा देना चाहिए.
युवा सांसदों को मिले मौका
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने युवा सांसदों को अधिक अवसर देने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि नए सदस्यों की सोच, अनुभव और ऊर्जा सदन तथा देश के लिए लाभकारी होगी. देश को नए विचारों और आधुनिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसे युवा सांसद बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं.
शीतकालीन सत्र से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी सभी सांसदों से उम्मीद जताई कि वे लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करेंगे और सत्र को प्रोडक्टिव (उत्पादक) बनाने में सहयोग देंगे. उन्होंने कहा कि संसद जनता की अपेक्षाओं का प्रतिबिंब है और सभी दलों को मिलकर इसे सफल बनाना चाहिए.
सत्र को देशहित में उपयोगी बनाने के लिए सरकार ने विपक्ष सहित सभी दलों से सहयोग और सकारात्मक संवाद की अपेक्षा जताई है. अब देखना होगा कि यह सत्र जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है.