पहलगाम हमले के तीनों दोषी ढेर, जानें आतंकी सुलेमान, जिब्रान और अफगान की पूरी कहानी

आतंकियों के पास से बरामद हथियार और गोला-बारूद ने साबित किया कि ये वही शस्त्र थे, जिनका इस्तेमाल पहलगाम में मासूम पर्यटकों को निशाना बनाने के लिए किया गया था.

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Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम आतंकी हमले के तीन मुख्य दोषियों- सुलेमान, जिब्रान और अफगान को मार गिराया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि यह ऑपरेशन भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है.

आतंकियों के पास से बरामद हथियार और गोला-बारूद ने साबित किया कि ये वही शस्त्र थे, जिनका इस्तेमाल पहलगाम में मासूम पर्यटकों को निशाना बनाने के लिए किया गया था.

आतंकियों की काली करतूतें

सुलेमान: पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह, जिसे हाशिम मूसा भी कहा जाता था, पाकिस्तान का पूर्व सैन्य कमांडो था. 2022 में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने से पहले उसने पीओके में आतंकी प्रशिक्षण लिया. वह कई आतंकी घटनाओं में लिप्त था.

जिब्रान: लश्कर का 'ए' ग्रेड कमांडर जिब्रान भी पाकिस्तानी मूल का था. उसने पिछले साल सोनमर्ग हमले की जिम्मेदारी ली थी और कई आतंकी वारदातों में शामिल था.

अफगान: पाकिस्तान का यह आतंकी भी लश्कर का 'ए' श्रेणी कमांडर था. उसने पहलगाम में निर्दोषों पर गोलियां बरसाईं और कथित तौर पर हमले के बाद जश्न मनाया.

ऑपरेशन की रणनीति

22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई थी, के बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी की बैठक में आतंकियों को पकड़ने का निर्णय लिया गया. सेना ने 14 दिन तक निगरानी रखी और बारिश के कारण कमजोर पड़े आतंकियों को घेरकर मार गिराया.

पहलगाम हमला: एक काला दिन
22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों के धर्म पूछकर 26 लोगों की निर्मम हत्या की थी. इस घटना ने विश्वभर में निंदा बटोरी थी.