Amit Shah on Naxalism in Dantewada: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को दंतेवाड़ा में आयोजित 'बस्तर पंडुम' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगले साल तक नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा और बस्तर क्षेत्र लाल आतंक से मुक्त हो जाएगा. शाह ने कहा कि बस्तर अब तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है और अगले चैत्र नवरात्रि तक क्षेत्र से नक्सल हिंसा खत्म हो जाएगी.
आतंक से मुक्ती
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, “वे दिन चले गए जब यहां गोलियां चलती थीं और बम धमाके होते थे. इसलिए मैं एक बार फिर नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं—जिनके हाथ में हथियार हैं और जो हथियारों से दूर हैं, सभी मुख्यधारा में लौट आएं. कोई भी नक्सली मारा जाता है, किसी को आनंद नहीं होता.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस क्षेत्र को विकास की आवश्यकता है, और जो पिछले 50 वर्षों में नहीं हुआ .
वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवल पांच साल में संभव हो रहा है. शाह के अनुसार, मोदी सरकार के तहत बस्तर न केवल नक्सलमुक्त हो रहा है, बल्कि विकास का एक स्वर्णिम युग भी देख रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर अब 6 रह गई है, जो इस अभियान की सफलता को दर्शाता है.
बाबू जगजीवन राम को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान, गृह मंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी बाबू जगजीवन राम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. शाह ने कहा, “आज बाबू जगजीवन राम की जयंती है और मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं. उन्होंने दलितों, पिछड़ों, गरीबों, आदिवासियों आदि के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.”
नक्सल विरोधी अभियान में तेजी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी शाह के संकल्प का समर्थन करते हुए कहा, “हमारा सौभाग्य है कि हमारे गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे देश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का निर्णय लिया है. मां दंतेश्वरी की कृपा से उनका यह संकल्प अवश्य पूरा होगा.”
2023 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद से छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में तेजी आई है. सुरक्षा बलों ने अब तक करीब 350 नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें ज्यादातर बस्तर क्षेत्र से हैं. हाल ही में 29 मार्च को बस्तर में दो मुठभेड़ों में 18 नक्सली, जिनमें 11 महिलाएं शामिल थीं, मारे गए थे.